Sri Lanka: श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी से संकट, सोलर पैनल के आयात के लिए भारत या चीन के मदद की दरकार
विदेशी मुद्रा की कमी से श्रीलंका को आयात करने में मुश्किल आ रही है।भारत इस साल अपने पड़ोसी को सबसे बड़ा देनदार रहा हैजो सात दशकों से अधिक समय में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा हैऔर आयात के लिए भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है
By Babli KumariEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 05:20 PM (IST)
कोलंबो, एजेंसी। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी से संकट और बढ़ता जा रहा है। बिजली की दरों में बढ़ोतरी से परेशान लोगों को राहत पहुंचाने के लिए श्रीलंका को अब सोलर पैनलों के आयात के लिए भारत और चीन के मदद की दरकार है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उच्च बिजली दरों को लेकर जताए गए विरोध के बाद श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचन विजेसेकरा ने मंगलवार को संसद में कहा कि अब इस समस्या से निपटने के लिए पहला उपाय भारत या चीन से उधार लेकर सौलर पैनलों के आयात करना है।
विजेसेकारा ने संसद को बताया 'हमें विदेशी मुद्रा की समस्या है, जिससे आयात के लिए भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। एक समाधान हमें सोचना होगा कि भारत या चीन से एक क्रेडिट लाइन प्राप्त की जाए क्योंकि पैनल उनसे आयात किए जाते हैं। यह भी पढ़ें- Srilanka Criris: श्रीलंका के आर्थिक संकट का बच्चों पर पड़ रहा बुरा असर, यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक जॉर्ज लारिया ने जताई चिंता
विदेशी मुद्रा की कमी के चलते हमें आयात के लिए मुश्किलें आ रही हैं। इससे पहले श्रीलंका ने अगस्त में बिजली की दरों में 75 प्रतिशत तक औसत बढ़ोतरी कर दी थी। इसके विरुद्ध बौद्ध भिक्षुओं ने आवाज उठाई है। उनका कहना है कि जनता इतना ज्यादा बिजली का दर चुकाने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बिजली आपूर्ति पर हमेशा सब्सिडी दी जाती रही है।उन्होंने कहा कि टैरिफ वृद्धि 2013 के बाद पहली बार थी। राज्य ईंधन इकाई सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) अत्यधिक ऋणी थी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि धार्मिक स्थानों पर 48 हजार से अधिक उपभोक्ता कनेक्शन हैं। इनमें बौध व हिंदू मंदिर, चर्च और मस्जिदें शामिल हैं। वहीं, इस साल सबसे बड़े कर्जदाता के रूप में जनवरी से अब तक भारत सरकार ने श्रीलंका की चार अरब डालर की मदद की है। विपक्ष ने सरकार से धार्मिक संस्थानों को रियायती दरों पर बिजली की आपूर्ति पर विचार करने का आग्रह किया।
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संकटग्रस्त श्रीलंका को भारत सरकार की सहायता इस साल जनवरी से अब तक लगभग 4 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।