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Sri Lanka Crisis: पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने इस्तीफे में किया अपना बचाव, जानें त्याग पत्र में किसको ठहराया आर्थिक संकट का जिम्मेदार

Sri Lanka Crisis श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि मैंने अपनी क्षमता के अनुसार मातृभूमि की सेवा की और ऐसे ही आगे भी करता रहूंगा। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कई चीजों को आर्थिक संकट का जिम्मेदार बताया है।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 12:19 PM (IST)
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गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से दिए इस्तीफा में किया अपना बचाव।

कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका में भयंकर आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) के बीच सिंगापुर भागे गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं इसके बाद पड़ोसी मुल्क में हिंसक प्रदर्शन अब थम गया है। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ लोगों में नराजगी अभी तक कायम है। इस बीच श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने एक दिन पहले दिए इस्तीफे (Gotabaya Rajapaksa resignation letter) में अपना बचाव किया है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में कई बातें कही हैं।

राजपक्षे बोले- पूरी क्षमता से मातृभूमि की सेवा की

अपना बचाव करते हुए राजपक्षे ने कहा, "मैंने अपनी पूरी क्षमता से अपनी मातृभूमि की सेवा की और भविष्य में भी करता रहूंगा। बता दें कि शनिवार को श्रीलंका संसद के विशेष सत्र के दौरान उनका त्यागपत्र पढ़ा गया। राजपक्षे के इस्तीफे के बाद श्रीलंका की संसद ने राष्ट्रपति पद की घोषणा के लिए संक्षिप्त बैठक की।

इन सब को ठहराया जिम्मेदार

  • सिंगापुर से राजपक्षे द्वारा भेजा गया त्याग पत्र श्रीलंका संसद के 13 मिनट के विशेष सत्र के दौरान पढ़ा गया।
  • अपने त्याग पत्र में, 73 वर्षीय राजपक्षे ने श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए COVID-19 महामारी और लाकडाउन को जिम्मेदार ठहराया।
  • राजपक्षे ने कहा कि उन्होंने आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश जैसे बेहतरीन कदम उठाए।
  • उन्होंने पत्र में कहा, "मैंने अपनी क्षमता के अनुसार अपनी मातृभूमि की सेवा की और भविष्य में भी करता रहूंगा।"
  • राजपक्षे ने आगे कहा कि उनके राष्ट्रपति बनने के तीन महीने के भीतर ही पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की चपेट में आ गई। पहले से ही खराब आर्थिक माहौल से विवश होने के बावजूद लोगों को महामारी से बचाने के लिए मैंने कार्रवाई की।

लाकडाउन के चलते विदेशी मुद्रा भंडार घटा

राजपक्षे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि 2020 और 2021 के दौरान मुझे कोरोना के चलते लाकडाउन का आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़ा और इससे विदेशी मुद्रा की स्थिति बिगड़ गई। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में मैंने स्थिति से निपटने के लिए एक सर्वदलीय सरकार का सुझाव देकर सबसे अच्छा कदम उठाया था।