श्रीलंका को बर्बाद करने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की बैंकाक से होगी कल वापसी, सरकार के लिए हालात काबू में रखना होगी बड़ी चुनौती
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बैंकाक से शनिवार को वापस आएंगे। इसकी पुष्टि बैंकाक और श्रीलंका की मीडिया भी कर रही है। हालांकि इस दौरान मौजूदा सरकार के लिए देश में शांति बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 01:05 PM (IST)
कोलंबो/बैंकाक (एजेंसी)। श्रीलंका को बदहाल कर विदेश भागने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की शुक्रवार या शनिवार को स्वदेश वापसी हो सकती है। उन्होंने वापस देश आने का फैसला किया है। इसकी पुष्टि थाईलैंड की मीडिया भी कर रही है। गोटाबाया जुलाई में देश छोड़कर पहले मालदीव भागे थे। इसके बाद वो सिंगापुर गए और फिलहाल वो बैंकाक के एक होटल में हैं। सिंगापुर से ही 14 जुलाई को उन्होंने अपना त्यागपत्र भेजा था। 11 अगस्त को वो सिंगापुर से बैंकाक पहुंचे थे।
बैंकाक में सुरक्षा कारणों से उन्हें होटल से बाहर निकलने को मना किया गया है। उनकी सुरक्षा में थाईलैंड सरकार ने सादा कपड़ों में सुरक्षा कर्मी भी लगाए हैं। एएफपी को श्रीलंका के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि गोटाबाया शनिवार को श्रीलंका वापस आ जाएंगे। हालांकि बैंकाक पोस्ट की खबर में कहा गया है कि वो गोटाबाया शुक्रवार को ही देश लौटने को तैयार हैं। उनके वापस लौटने का संकेत राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी कुछ समय पहले दिया था।
कहा जा रहा है कि रानिल ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि उनकी वापसी पर देश में वो सुरक्षा और शांति बनाए रखना सुनिश्चित करेंगे। हालांकि ये काम इतना आसान भी नहीं होगा। गोटाबाया को लेकर वहां की जनता काफी भड़की हुई है। ऐसे में श्रीलंका की सरकार के लिए उन्हें काबू में रखना और शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनने वाली है।
आपको बता दें कि गोटाबाया राजपक्षे को लेकर श्रीलंका की जनता काफी गुस्साई हुई थी। देश की जनता गोटाबाया और उनके परिवारवालों को देश की बदहाली का जिम्मेदार मानती है। यही वजह है कि उनके और पूर्व पीएम को लेकर देश में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इतना ही नहीं गुस्साई जनता ने गोटाबाया राजपक्षे और उनके भाई पूर्व पीएम के घर में आग तक लगा दी थी। आजादी के बाद श्रीलंका में पहली बार इस तरह के आर्थिक हालात देखने को मिले हैं। खबरों में कहा गया है कि गोटाबाया सरकार की तरफ से दिए गए घर में ही रहेंगे। हालांकि ये कहां होगा इसको लेकर कोई खुलासा नहीं किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि रानिल विक्रमसिंघे और गोटाबाया के बीच 18 अगस्त को हुई बातचीत में उन्हें उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया गया है। इस बीच विपक्षी पार्टियों का कहना है कि देश का नागरिक होने की वजह से उन्हें स्वदेश लौटने का पूरा अधिकार है। लेकिन यहां पर उनके खिलाफ मामला चलाया जाना चाहिए। दोषी पाए जाने पर उन्हें मिली इम्यूनिटी कोनूनी रूप से खत्म हो जाएगी। पिछले दिनों आई रिपोर्ट्स में कहा गया था कि गोटाबाया अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने के लिए कवायद कर रहे हैं। यदि ये उन्हें मिल जाता है तो वो अमेरिका चले जाएंगे। अब उनकी वापसी के बाद माना जा रहा है कि अमेरिका का ग्रीन कार्ड पाना फिलहल उनके लिए संभव दिखाई नहीं दे रहा है।