सांसों पर संकट: पेट्रोल-डीजल और खाद्य सामग्री के बाद अब दवाओं की कमी से मचा श्रीलंका में कोहराम
श्रीलंका में दवाओं की कमी से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इसकी वजह से सर्जरी भी नहीं हो पा रही है। देश के स्वास्थ्य मंत्री ने हालाज का जायजा लिया है और अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Mon, 31 Oct 2022 03:17 PM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। श्रीलंका की आर्थिक बदहाली का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही आर्थिक बदहाली की वजह से खाद्य पदार्थों की कमी से जूझ रहे इस देश में अब जरूरी दवाओं की कमी से हाहाकार मचा है। अस्पतालों में मौजूद मरीजों की सांसों पर ये संकट के बादल मंडराने जैसा है। ये कितना गंभीर संकेट है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवीला को हालात की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलानी पड़ी है। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो हर रोज इसकी समीक्षा करें और उन्हें जानकारी दें।
बेहद नाजुक हालात
देश की मेडिकल एसोसिएशंस ने भी दवाओं की कमी पर चिंता व्यक्त की है। विभिनन संगठनों का कहना है कि हालात बेहद नाजुक दौर में हैं। दरअसल, देश पर आए आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका अपनी जरूरी चीजों को भी नहीं खरीद पा रहा है। करीब सवा दो करोड़ की आबादी वाला ये देश पिछले कई माह से इन्हीं हालातों में जीने को मजबूर है। विदेशी मुद्रा भंडार पहले से ही कमजोर है। दवाओं की कमी से पहले श्रीलंका, पेट्रोल-डीजल और गैस की कमी से जूझ रहा था। इसके अलावा फर्टीलाइजर से लेकर खाद्य पदार्थों की भी काफी भारी कमी देश में हो रही थी। श्रीलंका के आर्थिक हालातों को देखते हुए भारत ने उसको मदद भी भेजी थी।
राजनीतिक रूप से भी स्थिर नहीं श्रीलंका
श्रीलंका केवल आर्थिक रूप से ही बदहाल नहीं है बल्कि राजनीतिक रूप से भी वो खुद को मजबूत नहीं कर पाया है। देश में अब भी अशांति का माहौल है। श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उनके पास चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी करीब 150 आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत है। इनमें सबसे अधिक जरूरी दवाएं हैं। अधिकारियों की मानें तो दवाओं की कमी की वजह से सर्जरी जैसी काम को भी रोकना पड़ रहा है, जिससे मरीजों की जान पर संकट बना हुआ है। जिन दवाओं की कमी है वो वे दवाएं हैं जिनको आपरेशन के बाद दिया जाता है।
भारत से मदद की गुहार
सरकार और चिकित्सक संघों को हर तरफ से इसको लेकर शिकायतें सुनने में आ रही हैं। इसको देखते हुए श्रीलंका ने भारत से दवाओं की खरीद के लिए 25 करोड़ डालर की उपलब्धता में तेजी लाने का आग्रह किया है। श्रीलंका ने इस मुश्किल घड़ी में दूसरे देशों से भी मदद मांगी है। वहीं, श्रीलंका की सरकार अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष से सहायता की बाट भी जो रहा है। इससे मिलने वाली राशि को भी खाद्य और ईंधन आयात के भुगतान के लिए खर्च किया जाएगा।
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