श्रीलंका-भारत नौका सेवा से व्यापार और संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने नौका सेवाओं की बहाली का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 41 साल के अंतराल के बाद श्रीलंका और भारत के बीच नौका सेवाओं की बहाली हुई है। भारत के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा शनिवार को शुरू हुई।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 02:49 PM (IST)
पीटीआई, कोलंबो (श्रीलंका)। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने नौका सेवाओं की बहाली का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि 41 साल के अंतराल के बाद श्रीलंका और भारत के बीच नौका सेवाओं की बहाली हुई है।
भारत में नागपट्टिनम और श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में जाफना के समीप कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा शनिवार को शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवा की शुरुआत की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक और आर्थिक संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं।
भारत-श्रीलंका के बीच नौका सेवा एक महत्वपूर्ण कदम
विक्रमसिंघे ने नौका सेवा के उद्घाटन पर एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में कहा, 'भारत और श्रीलंका के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने में नौका सेवा एक महत्वपूर्ण कदम है। हजारों वर्षों से लोग भारतीय उपमहाद्वीप से इस द्वीप तक और श्रीलंका से वापस भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा करने के लिए पाक जलडमरूमध्य को पार करते रहे हैं। इसी तरह हमारी संस्कृतियां विकसित हुई हैं। इस तरह हमारा व्यापार विकसित हुआ।'यह भी पढ़ें: PM मोदी ने की भारत और श्रीलंका के बीच फेरी सेवा की शुरुआत, पढ़ें क्या होगा किराया और यात्रा का समयराष्ट्रपति ने कहा, उत्तर में युद्ध के कारण 'दोनों देशों' के बीच संपर्क बाधित हो गया था, लेकिन अब शांति लौट आई है और हम समुद्री संपर्क फिर से स्थापित कर सकते हैं।' इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। साथ ही विक्रमसिंघे ने भारतीय शिपिंग कॉर्पोरेशन को "इस कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने में उनकी भूमिका के लिए भी धन्यवाद दिया।'
नौका सेवा से दोनों देशों के बीच लेनदेन बढ़ेगा
विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री निमल सिरीपाला डी सिल्वा को भी धन्यवाद दिया और कहा, 'हमें उम्मीद है कि अधिक से अधिक लोग श्रीलंका से भारत की यात्रा करते हुए श्रीलंका आएंगे।' उन्होंने कहा, 'कनेक्टिविटी, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों के लिहाज से कांकेसंथुराई बहुत महत्वपूर्ण है। कांकेसंथुराई पलाली हवाई अड्डे के साथ हवाई कनेक्टिविटी देता है और समुद्री कनेक्टिविटी भी देता है। इस सेवा से हम दोनों देशों के बीच लेनदेन में वृद्धि कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि जुलाई में दिल्ली यात्रा के दौरान नौका सेवा लागू करने के प्रस्ताव पर सहमति बनी थी। हाई-स्पीड नौका का संचालन शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा और इसकी क्षमता 150 यात्रियों की है। अधिकारियों के अनुसार, नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किमी) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर लगभग 3.5 घंटे में तय की जाएगी।यह भी पढ़ें: Ind-SL Ferry Service: भारत-लंका नौका सेवा का शुभारंभ वास्तव में बड़ा कदम, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा