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आर्थिक संकट में साथ खड़े रहने के लिए श्रीलंका ने किया भारत का शुक्रिया, कहा- आपने हमें बचाया और रक्तपात रोका

श्रीलंका जिस दौरान आर्थिक संकट से जुझ रहा था उस दौरान भारत ने नेबरहुड फर्स्ट नीति अपनाते हुए श्रीलंका की आर्थिक मदद की थी। इस पर आभार व्यक्त करते हुए श्रीलंका के संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेयवर्देना ने कहा कि भारत ने ही हमें बचाया और रक्तपात को रोका है।  भारतीय यात्रा कांग्रेस के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान संबोधन में संसद अध्यक्ष ने यह बात कही।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 08 Jul 2023 03:19 PM (IST)
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आर्थिक संकट में मदद करने के लिए श्रीलंका ने कहा भारत को शुक्रिया

कोलंबो, पीटीआई। श्रीलंका के संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेयवर्देना ने पिछले साल अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका को बचाने और खून-खराबा रोकने के लिए भरोसेमंद दोस्त भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेयवर्देना ने कहा है कि किसी भी देश ने श्रीलंका को उस तरह की सहायता नहीं दी है, जिस तरह नई दिल्ली ने कोलंबो को दी है।

भारत ने अपनाई 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति

विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में एक विनाशकारी वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था। साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद की यह श्रीलंका की सबसे खराब स्थिति थी। जब देश संघर्ष कर रहा था और संकट की चपेट में था, तो भारत ने भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के अनुरूप पिछले साल श्रीलंका को लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बहुआयामी सहायता प्रदान की।

भारतीय यात्रा कांग्रेस के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज समारोह

शुक्रवार को यहां भारतीय यात्रा कांग्रेस के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित भव्य रात्रि भोज समारोह में अपने संबोधन में अभयवर्धने ने कहा कि वित्तीय संकट के दौरान भारत ने हमें आर्थिक संकट से बचाया,  नहीं तो एक और नरसंहार होता। शाम के स्वागत समारोह में, उन्होंने नकदी संकट से जूझ रहे देश को दी गई मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया और दोनों देशों और उनकी संस्कृतियों के बीच सभ्यतागत संबंधों और समानताओं को याद किया।

सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और नीतिगत रूप से बहुत करीब दोनों देश

सांसद एबेवर्देना ने कहा, "श्रीलंका और भारत सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और नीतिगत रूप से बहुत करीब से जुड़े हुए देश हैं और भारत श्रीलंका का बहुत करीबी सहयोगी और भरोसेमंद दोस्त रहा है। भारत ने हमेशा मुश्किल में मदद की है।" उन्होंने कहा, "और, इस बार भी भारत ने मदद की। आज, मैंने सुना है कि भारत हमारे ऋणों को चुकाने की अवधि को 12 साल के लिए बढ़ाने को तैयार है। इतिहास में कभी किसी देश ने इस तरह की सहायता नहीं दी है।"

भारत और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद

सांसद ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले, श्रीलंका के पर्यटन और भूमि मंत्री हरिन फर्नांडो और श्रीलंका सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह टिप्पणी की। अध्यक्ष ने बागले का जिक्र करते हुए कहा, "यहां आपके राजदूत हमारे बहुत करीबी दोस्त हैं। हम उनसे प्यार करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।" उन्होंने कहा, "इससे हमें संकट के बीच छह महीने तक जीवित रहने में मदद मिली।" उन्होंने कहा, "हम इस दयालुता के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं और मैं यह भी कहता हूं, धन्यवाद, भारत के माननीय प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी)।"

अनुवांशिक रूप से जुड़े हैं दोनों देश

भारतीय उपनाम सिंह और श्रीलंकाई उपनाम सिंघे के बीच समानता को ध्यान में रखते हुए, एबेवर्डेना ने कहा, "यह दर्शाता है कि हम आनुवंशिक रूप से भारत से जुड़े हुए हैं"। उन्होंने कहा, "इस तरह, भारत हमारे लिए कोई नया देश नहीं है। यह हमारे देश के लोकाचार का हिस्सा है, हमारे जीवन का हिस्सा है, हमारे दिल का हिस्सा है।"

उन्होंने कहा, "हम यहां आपका स्वागत करने, आपका सम्मान करने और आपके साथ शामिल होने के लिए हैं।" अध्यक्ष ने कहा, ''एक साथ, हम (श्रीलंका) बिना किसी झिझक बड़े विश्वास के साथ आपके (भारत) साथ जुड़ सकते हैं।''

6 जुलाई को आयोजित हुआ टीएएआई का 67 वां सत्र

6 जुलाई को श्रीलंका में शुरू हुए टीएएआई (ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के तीन दिवसीय 67वें सम्मेलन के हिस्से के रूप में शनिवार को कई सत्र आयोजित किए गए। टीएएआई का चार दिवसीय सम्मेलन 1951 में स्थापित किया गया था। श्रीलंका टूरिज्म प्रमोशन ब्यूरो (एसएलटीपीबी) और श्रीलंकाई एसोसिएशन ऑफ इनबाउंड टूर ऑपरेटर्स के सहयोग से आयोजित किया गया।