Sri Lanka Crisis: जानें- भारत के साथ कैसे संबंध चाहते हैं श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे, मुश्किल में है देश
श्रीलंका के नए पीएम ने भारत के साथ मधुर संबंध बनाने की बात कही है। उनका कहना है कि वो भारत के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं। उन्होंने भारतीय राजदूत से भी मुलाकात की है। बता दें कि श्रीलंका बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 13 May 2022 10:22 PM (IST)
कोलंबो (पीटीआई)। श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने कहा है कि वह भारत के साथ संबंध प्रगाढ़ करने को लेकर आशान्वित हैं। यही नहीं, भीषण आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका की वित्तीय मदद के लिए उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद भी दिया। महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।विक्रमसिंघे ने कहा, मैं भारत के साथ करीबी रिश्ता बनाना चाहता हूं।
भारत की ओर से अरबों डालर की मदद की ओर इशारा करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। भारत ने कर्ज से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए तीन अरब डालर से ज्यादा के कर्ज का वादा किया है। विक्रमसिंघे छठी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने हैं। हालांकि वह अभी तक एक बार भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। बताया जा रहा है कि राजपक्षे परिवार के करीबी होने की वजह से विपक्ष में होने के बाद भी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया है।
भारतीय उच्चायुक्त ने की विक्रमसिंघे से मुलाकात
श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से मुलाकात की और आर्थिक संकट से जूझ रहे द्वीपीय देश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। विक्रमसिंघे के प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद उनसे मुलाकात करने वाले बागले पहले विदेशी राजदूत हैं।गौरतलब है कि श्रीलंका के ऊपर जितना कर्ज है उस कर्ज को किसी एक देश के बल पर उतारना काफी मुश्किल है। यही वजह है कि भारत अपील कर चुका है कि इसके लिए दूसरे देशों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों को भी आगे आना होगा। श्रीलंका की मौजूदा स्थिति इस कदर खराब है कि वहां पर खाने-पीने की चीजों की जबरदस्त कर्मी हो रही है। वहां पर कीमतों के भाव हर रोज आसमान छू रहे हैं।