Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में हालात बदतर, राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा; राजपक्षे फरार
श्रीलंका में राष्ट्रपति के आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है। हालात देख श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे वहां से फरार हो गए। बता दें कि देश की राजधानी कोलंबो में शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़े।
By Monika MinalEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 04:24 PM (IST)
कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका में हालात खराब हैं। आक्रोशित प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन के भीतर पहुंच गए और वहां कब्जा कर लिया। हालात देख श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे वहां से फरार हो गए। इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आपात बैठक बुलाई है।
बेडरूम और डाइनिंग में पहुंच चुके हैं प्रदर्शनकारीबता दें कि देश की राजधानी कोलंबो में शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़े। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के भीतर घुस गए। वहां से जारी तस्वीरों में देखा जा सकता है कि डाइनिंग हाल, बेडरूम समेत राष्ट्रपति भवन के कोने-कोने तक लोग किस तरह घुसे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने तोड़ा बैरिकेड
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स को तोड़ राष्ट्रपति आवास के परिसर में घुस आए। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के साथ पानी की बौछार भी की। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल की शुरुआत से ही राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। तब से गोटाबाया राष्ट्रपति भवन का इस्तेमाल अपने घर और आफिस के तौर पर कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के दो जवान समेत 30 लोग प्रदर्शन के दौरान जख्मी हो गए और इन्हें कोलंबो के अस्पताल ले जाया गया।
प्रधानमंत्री ने बुलाई आपात बैठक
रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को ही राजपक्षे को उनके आधिकारिक आवास से हटा दिया गया था। दूसरी ओर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को पार्टी के नेताओं की आपात बैठक बुलाई जिसमें हालात पर चर्चा हो सके और समस्या का समाधान निकले। बता दें कि प्रधानमंत्री भी सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। शुक्रवार रात को कोलंबो में प्रवेश वाले इलाकों पर अनिश्चित कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे नागरिक
आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की 60 लाख से अधिक आबादी के सामने खाद्य असुरक्षा की भीषण समस्या पैदा हो गई है। यूं कहें कि श्रीलंका के दस में तीन परिवारों को यह नहीं पता होता कि अगले वक्त के भोजन की व्यवस्था किस प्रकार होगी। ये चौंकाने वाले तथ्य विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की तरफ से बुधवार को जारी हालिया खाद्य असुरक्षा मूल्यांकन रिपोर्ट में सामने आए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद्यान्न महंगा होने, पेट्रोल की कीमतों के आसमान छूने तथा दैनिक उपयोग की ज्यादातर वस्तुओं की किल्लत ने 61 फीसद घरों को खानपान की मात्रा व उसकी गुणवत्ता में कटौती के लिए मजबूर कर दिया है।श्रीलंकाई केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी
न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार, श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण ब्याज दरों को बढ़ाकर 14.50 प्रतिशत और 15.50 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से ली जाने वाली स्थायी जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है। जरूरी वस्तुओं की कीमतों में आए हालिया उछाल से श्रीलंका के गरीबों और वंचितों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। उन्हें खाने-पीने के सामान, ईंधन, रसोई गैस और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।वीरासिंघ ने मुद्रास्फीति के 70 प्रतिशत तक पहुंच जाने की आशंका जताते हुए कहा कि हमारी प्राथमिकता मुद्रास्फीति को जल्द से जल्द एक वाजिब स्तर तक लाने की है। जितना जल्दी ऐसा हो, उतना ही अच्छा है। जून में श्रीलंका की मुद्रास्फीति 55 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है।#WATCH | Massive protests erupt in economic crisis-laden Sri Lanka as protesters amass at the President's Secretariat, who has reportedly fled the country.
(Source: unverified) pic.twitter.com/SvZeLGTvKG
— ANI (@ANI) July 9, 2022