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भारत के लाइन आफ क्रेडिट से जरूरी खाद्य पदार्थ आयात करेगा श्रीलंका, 40 प्रतिशत राशि का अभी तक नहीं हुआ उपयोग

गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे श्रीलंका ने भारतीय लाइन आफ क्रेडिट (LOC) में से 12 करोड़ डालर मूल्य के आवश्यक खाद्य पदार्थों का आयात करने का फैसला किया है। यह मदद भारत ने श्रीलंका को दी है लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया गया।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 23 Oct 2022 09:49 PM (IST)
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भारत के लाइन आफ क्रेडिट से जरूरी खाद्य पदार्थ आयात करेगा श्रीलंका। (फाइल फोटो)

कोलंबो, आइएएनएस। गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे श्रीलंका ने भारतीय लाइन आफ क्रेडिट (LOC) में से 12 करोड़ डालर मूल्य के आवश्यक खाद्य पदार्थों का आयात करने का फैसला किया है। यह मदद भारत ने श्रीलंका को दी है, लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं किया गया। भारत से भोजन, दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए LOC को बढ़ा दिया था। व्यापार, वाणिज्य और खाद्य सुरक्षा मंत्री नलिन फर्नांडो ने बताया कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। श्रीलंका को अगले सप्ताह तक भारत को आवश्यक वस्तुओं की सूचना देनी है।

40 प्रतिशत राशि का अभी तक नहीं हुआ उपयोग

मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भारतीय LOC का लगभग 40 प्रतिशत राशि का अभी तक उपयोग नहीं किया जा सका है। मालूम हो कि लाइन आफ क्रेडिट एक पूर्व निर्धारित उधारी सीमा है जिसका किसी भी समय इस्तेमाल किया जा सकता है। उधारकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार धन निकाल सकता है जब तक कि अधिकतम सीमा तक न पहुंच जाए और जब धन का पुनर्भुगतान हो जाए तो किसी ओपन एलओसी के मामले में फिर से उधार लिया जा सकता है।

सुद्य असुरक्षा से 96 प्रतिशत लोग प्रभावित

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रास ने पिछले सप्ताह 1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका के सबसे खराब आर्थिक संकट पर जटिल आपातकालीन आवश्यकता आकलन रिपोर्ट जारी करते हुए पिछले सप्ताह खुलासा किया था कि श्रीलंका के 96 प्रतिशत लोग सुद्य असुरक्षा, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं, आजीविका, और पोषण के कुछ महत्वपूर्ण संकट से प्रभावित हुए हैं।

लोग भूखे रहने को मजबूर

रिपोर्ट के मुताबिक, गहराता आर्थिक संकट लोगों को भूखे रहने, जीवन रक्षक दवा खरीदने या बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पैसे खोजने और इनमें से चुनाव करने के लिए मजबूर कर रहा है। इस रिपोर्ट को 2900 घरों और चाय बागान क्षेत्र में 10 सम्पदाओं का सर्वेक्षण और केस स्टडीज के बाद तैयार किया गया है, जहां सबसे कम वेतन पाने वाले गरीब निवास करते हैं। 

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