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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को राहत, कोर्ट ने विदेश यात्रा पर लगी पाबंदी को हटाया

श्रीलंका की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे पर लगे विदेश यात्रा प्रतिबंध को बुधवार को हटाने का आदेश दिया। पिछले साल मई में फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने महिंदा राजपक्षे और कुछ अन्य नेताओं की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी थी।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Thu, 18 May 2023 06:38 AM (IST)
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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को राहत (फाइल फोटो)
कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका की अदालत ने पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे पर लगे यात्रा प्रतिबंध हटा दिया है। श्रीलंकाई समाचार संगठन न्यूज फर्स्ट ने बताया कि 9 मई 2022 को हुई झड़पों के संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पर लगाया गया विदेशी यात्रा प्रतिबंध बुधवार को श्रीलंका की एक अदालत ने हटा लिया है।

अदालत ने पूरी तरह से प्रतिबंध हटाया

बता दें कि महिंद्रा राजपक्षे के साथ-साथ सांसद रोहिता अबेगुणवर्धना, पवित्रा वन्नियाराच्ची और पूर्व प्रांतीय परिषद सदस्य कंचना जयरत्ने के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध को फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने भी पूरी तरह से प्रतिबंध हटा लिया है।

प्रतिबंधों में की गई थी ढील देने की अपील

दरअसल, 9 मई 2022 को कोलंबो में शांतिपूर्ण सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर घातक हमले में उनकी कथित संलिप्तता की जांच के मद्देनजर राजपक्षे और अन्य पर प्रतिबंध लगाया गया था। राष्ट्रपति के वकील शैवेंद्र फर्नांडो ने अदालत से पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, सांसद रोहिता अबेगुनवर्धने, मंत्री पवित्रा वन्नियाराच्ची और पूर्व प्रांतीय परिषद सदस्य कंचना जयरत्ने पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के लिए कहा था। उन्होंने इस तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि उनमें से किसी को भी जांच में संदिग्ध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया था।

मजिस्ट्रेट ने यात्रा प्रतिबंध हटाने का आदेश किया जारी

इसके बाद मजिस्ट्रेट ने यात्रा प्रतिबंध हटाने का आदेश जारी किया और कथित आदेश के प्राप्तकर्ता के रूप में आप्रवासन और उत्प्रवास महानियंत्रक को नामित किया है। हालांकि, मामले में चौथे संदिग्ध एमपी मिलन जयतिलके सहित दो अन्य पर यात्रा प्रतिबंध को अदालत की अगली तारीख तक बढ़ा दिया गया था। श्रीलंका स्थित न्यूज फर्स्ट के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने आगे आदेश दिया है कि हेवागामगे मंजुला, रमेश भानुका, चमथ थिवंका और निशांथा डे मेल को पहले जमानत पर रिहा किया जाए।

कोर्ट से की गई थी विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग

श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पहले एक अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसके तहत उन्हें 11 अगस्त तक अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़ने से रोक दिया गया था। कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें महिंदा राजपक्षे, बासिल राजपक्षे और श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर, अजित निवार्ड कैबराल की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।