श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने संकट के दौरान भारतीय समुदाय के प्रयासों को सराहा, कहा- बुरे दिनों में दिखाई रोशनी
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राजधानी कोलंबो एवं देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे भारतीयों की प्रशंसा की है। उन्होंने कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के दौरान भारतीयों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा की भारत अंधकार में दीपक की तरह था।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 04 Nov 2022 07:27 PM (IST)
कोलंबो, एएनआइ: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने राजधानी कोलंबो एवं देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे भारतीयों की प्रशंसा की है। उन्होंने कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के दौरान भारतीयों के प्रयासों की सराहना की। भारतीयों को कोलंबो एक्सपैट कल्चरल एसोसिएशन (सीईसीए) के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अपने भाषण में बताया कि किस तरह सीईसीए ने निराशा की स्थिति में वंचित बच्चों के जीवन को रोशन कर सबसे बुरे दिनों में श्रीलंका की मदद की।
उन्होंने सीईसीए की श्रीलंका के प्रति निरंतर भागीदारी एवं प्रतिबद्धता की सराहना की। विक्रमसिंघे ने कहा, 'मैं केवल इतना कह सकता हूं कि अंधकार की घड़ी में आप श्रीलंका के लिए उस दीपक की तरह हैं, जिन्हें प्रकाश के लिए जलाया गया है।' राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि श्रीलंका और भारत क्षेत्र में समान संस्कृति साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों देशों की संस्कृति और धर्म में अंतर तो है लेकिन समानताएं भी हैं।