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श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति दिसानायके के गठबंधन की प्रचंड जीत, 225 में से 159 सीटों पर कब्जा

श्रीलंका के आम चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर ने शानदार जीत दर्ज की है। इस गठबंधन को 225 में से 159 सीटों पर जीत मिली है। गठबंधन का नेतृत्व श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके कर रहे हैं। तमिल बहुल क्षेत्र में भी एनपीपी को भारी जन समर्थन मिला है। उधर राजपक्षे परिवार की पार्टी का चुनाव में सफाया हो चुका है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 15 Nov 2024 03:57 PM (IST)
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श्रीलंक के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके। ( फोटो- रॉयटर्स)
जागरण, कोलंबो। श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के गठबंधन ने प्रचंड जीत दर्ज की है। दिसानायके के नेतृत्व वाले गठबंधन नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) ने 225 संसदीय सीटों में से 159 सीटों पर जीत दर्ज की है। विपक्षी नेता प्रेमदासा की पार्टी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। अनुरा कुमारा दिसानायके को तमिल समुदाय के गढ़ उत्तर और पूर्व श्रीलंका में जबरदस्त समर्थन मिला है।

माना जाता है कि श्रीलंका में आम चुनाव में जनता मौजूदा राष्ट्रपति की पार्टी का ही समर्थन करती है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद होने वाले संसदीय चुनाव में यह ट्रेंड जरूर देखने को मिला है। एनपीपी को दो तिहाई बहुमत मिला है। यह श्रीलंका के इतिहास की सबसे बड़ी जीत में से एक है।

राजपक्षे परिवार की पार्टी का सफाया

सिंतबर में राष्ट्रपति दिसानायके को 42 फीसदी मत मिले थे। मगर आम चुनाव में उनके गठबंधन एनपीपी को लगभग 62 फीसदी मत मिले हैं। राजपक्षे परिवार की श्रीलंका पोदुजना पेरामुना पार्टी को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली है। बता दें कि राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका को दो राष्ट्रपति दिए हैं। विपक्षी नेता सजीथ प्रेमदासा की समागी जन बालवेगया पार्टी ने 40 सीटों पर कब्जा जमाया है। वहीं पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की समर्थन वाली न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सिर्फ पांच सीटों पर जीत दर्ज की है।

नई सरकार के सामने चुनौती

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन चुनाव परिणामों से श्रीलंका में राजनीतिक स्थिरता आएगी। हालांकि नई सरकार को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। इसकी वजह है कि गठबंधन में शासन और नीति निर्माण का अनुभव रखने वाले नेताओं की संख्या कम है।

सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीते थे दिसानायके

सितंबर महीने में अनुरा कुमार दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव जीता था। तब उनके पास संसद में सिर्फ तीन सीटें थीं। इस वजह से अनुरा ने संसद को भंग किया और जल्द चुनाव कराने का एलान किया था। श्रीलंका में राष्ट्रपति की कुर्सी पर दशकों से राजनीतिक विरासत वाले परिवारों का कब्जा था। हालांकि अनुरा एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि भी नहीं है।

आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका

कोलंबो थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी अल्टरनेटिव्स की शोधकर्ता भवानी फोंसेका का कहना है, "राष्ट्रपति के पास अब सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा जनादेश है, मगर लोगों को भी बड़ी उम्मीदें हैं। बता दें कि 2022 में विदेशी मुद्रा की भारी कमी की वजह से श्रीलंका आर्थिक संकट के चपेट में आ गया था। देश अब भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

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