श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच 21 जुलाई को भारत आएंगे राष्ट्रपति विक्रमसिंघे, PM मोदी से करेंगे मुलाकात
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे देश में जारी आर्थिक संकट के बीच 21 जुलाई को भारत दौरे पर आएंगे। इस दौरान उनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने की भी संभावना है। राष्ट्रपति बनने के लिए विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी। पिछले साल गोटाबाया राजपक्षे के सत्ता से बेदखल होने के बाद विक्रमसिंघे को श्रीलंका का राष्ट्रपति बनाया गया था।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 09 Jul 2023 03:20 PM (IST)
कोलंबो, पीटीआई। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 21 जुलाई को भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे। इस दौरान उनके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने की उम्मीद है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भारत आएंगे विक्रमसिंघे
पिछले साल जुलाई में जनता के विद्रोह के बाद गोटाबाया राजपक्षे को सत्ता से बेदखल कर दिया गया, जिसके बाद विक्रमसिंघे को नकदी संकट से जूझ रहे श्रीलंका का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। राष्ट्रपति बनने के बाद विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी। विक्रमसिंघे को सितंबर 2024 तक राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है।
अगले हफ्ते श्रीलंका जाएंगे भारत के विदेश सचिव
डेली मिरर अखबार ने शनिवार को बताया कि विक्रमसिंघे की नई दिल्ली यात्रा की व्यवस्था पर काम करने के लिए भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा अगले सप्ताह की शुरुआत में श्रीलंका पहुंचेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, विक्रमसिंघे अपने दो दिवसीय भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। वे नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले द्वीप राष्ट्र में बिजली और ऊर्जा, कृषि और समुद्री मुद्दों से संबंधित कई भारतीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को अंतिम रूप देंगे।मिरर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद, बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा, विदेश मामलों के मंत्री अली साबरी और राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सागला रत्नायके राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ भारत आएंगे।
विक्रमसिंघे क्यों भारत दौरे पर आ रहे हैं?
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की प्रस्तावित भारत यात्रा इसलिए होगी, क्योंकि श्रीलंका की दिवालिया अर्थव्यवस्था में 'सुधार के अस्थायी संकेत' दिखाई दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के उप प्रबंध निदेशक केंजी ओकामुरा ने जून में कर्ज में डूबे द्वीप राष्ट्र की अपनी आधिकारिक यात्रा के बाद कहा,महत्वपूर्ण नीतिगत कार्रवाइयों के कार्यान्वयन के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार के अस्थायी संकेत दिख रहे हैं, लेकिन आर्थिक सुधार चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। अब, पहले से कहीं अधिक, अधिकारियों और श्रीलंकाई लोगों दोनों के मजबूत स्वामित्व के तहत सुधार की गति को जारी रखना आवश्यक है।
विक्रमसिंघे ने देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए दर्दनाक आर्थिक सुधार पेश किए हैं। श्रीलंका पिछले साल अप्रैल के मध्य में अपना पहला क्रेडिट डिफॉल्ट घोषित किया था। उसने इस साल मार्च में आईएमएफ से 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राहत राशि हासिल की, जो चार साल से अधिक समय के लिए सुधारों के अधीन है।