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Australia Visa: ऑस्ट्रेलिया में छात्र वीजा शुल्क दोगुना से अधिक, भारतीयों पर पड़ेगा असर

ऑस्ट्रेलिया ने एक जुलाई से अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क 710 आस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 39527 रुपये) से बढ़ाकर 1600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 89059 रुपये) कर दिया है। इसके साथ ही विजिटर वीजा धारक और अस्थायी स्नातक वीजा धारकों को छात्र वीजा के आवेदन से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से ऑस्ट्रेलिया के लिए छात्र वीजा आवेदन करना अमेरिका और कनाडा से महंगा हो गया है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Published: Tue, 02 Jul 2024 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 06:00 AM (IST)
ऑस्ट्रेलिया में छात्र वीजा शुल्क दोगुना से अधिक, भारतीयों पर पड़ेगा असर

रॉयटर, सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए भारतीय समेत विदेशी छात्रों को अब अधिक खर्च करना होगा। ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार से अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क में दोगुना से अधिक बढ़ोतरी कर दी। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह कदम हाल में विदेशी छात्रों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी के चलते हाउसिंग मार्केट पर बढ़े दबाव के चलते उठाया है।

ऑस्ट्रेलिया ने एक जुलाई से अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क 710 आस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 39,527 रुपये) से बढ़ाकर 1,600 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 89,059 रुपये) कर दिया है। इसके साथ ही विजिटर वीजा धारक और अस्थायी स्नातक वीजा धारकों को छात्र वीजा के आवेदन से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

बेहतर प्रवासन प्रणली बनाने में ये बदलाव सहायक

ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री क्लेर ओ नील ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की अखंडता को बरकरार रखने और बेहतर प्रवासन प्रणली बनाने में ये बदलाव सहायक होंगे। बीते मार्च में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2023 तक शुद्ध आप्रवासन 60 प्रतिशत बढ़कर 5,48,800 हो गया। इस बढ़ोतरी से ऑस्ट्रेलिया के लिए छात्र वीजा आवेदन करना अमेरिका और कनाडा से महंगा हो गया है।

अमेरिका में इसका शुल्क 185 डालर और कनाडा में 150 कनाडाई डालर है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा कि इन बदलावों से वीजा नियमों में खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी, जो विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए इसे लगातार बढ़ाने की अनुमति देता है।

वार्षिक अप्रवासन रिकॉर्ड स्तर पर

2022-23 में दूसरे या बाद के छात्र वीजा से छात्रों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़कर 1,50,000 से अधिक हो गई। सरकार ने कहा कि ताजा कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंक कोविड काल में छात्र वीजा पर लगे प्रतिबंध को 2022 में हटाने के बाद वार्षिक अप्रवासन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।


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