पर्यटकों को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए निकली पनडुब्बी, अटलांटिक महासागर में हुई लापता; सर्च ऑपरेशन जारी
टाइटैनिक के मलबे को लोगों को दिखाने के लिए निकली पनडुब्बी लापता हो गई है। पनडुब्बी का संचालन करने वाली निजी कंपनी के अनुसार टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए निकली एक पनडुब्बी दक्षिण-पूर्वी कनाडा के तट से लापता हो गई है।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 19 Jun 2023 10:59 PM (IST)
अटलांटिक महासागर, एजेंसी। टाइटैनिक के मलबे को लोगों को दिखाने के लिए निकली पनडुब्बी लापता हो गई है। पनडुब्बी का संचालन करने वाली निजी कंपनी के अनुसार, टाइटैनिक के मलबे को दिखाने के लिए निकली एक पनडुब्बी दक्षिण-पूर्वी कनाडा के तट से लापता हो गई है।
पनडुब्बी की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी
ओशनगेट कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह पनडुब्बी पर सवार लोगों को बचाने के लिए सभी विकल्पों को तलाश रहा है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पनडुब्बी पर कितने लोग सवार थे।
कई एजेंसियों से ली जा रही मदद
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि तटरक्षक बल ने खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। ओशनगेट ने एक बयान में कहा कि पनडुब्बी के साथ संपर्क फिर से स्थापित करने के हमारे प्रयासों में हमें कई सरकारी एजेंसियों और डीप सी कंपनियों से मिली व्यापक सहायता के लिए आभारी हैं।कंपनी अपने पांचवें टाइटैनिक मिशन का कर रही है संचालन
बता दें कि कंपनी वर्तमान में 2023 के अपने पांचवें टाइटैनिक मिशन का संचालन कर रही है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, जो पिछले सप्ताह से शुरू होकर गुरुवार को समाप्त होने वाली थी। इस अभियान की लागत प्रति व्यक्ति 250,000 डॉलर है।
दो घंटे की यात्रा के बाद दिखता है टाइटैनिक का मलबा
ओशियानेट की वेबसाइट के अनुसार, ये यात्रा सेंट जॉन, न्यूफाउंडलैंड से शुरू होती है और ये अटलांटिक में लगभग 400 मील की दूरी तय तक जाती है। इस पनडुब्बी में एक ही समय में करीब पांच लोग ही सवार हो सकते हैं, जो करीब दो घंटे का सफर तय करने के बाद टाईटैनिक के मलबे तक पहुंच पाते हैं।1912 में डूबा था टाईटैनिक
बता दें कि टाईटैनिक जहाज साल 1912 में अपनी पहली यात्रा के दौरान एक हिमखंड से टकराकर डूब गया था। टाईटैनिक में सवार करीब 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। टाइटैनिक की घटना पर फिल्म भी बन चुकी है।