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अब इस देश ने महिलाओँ के बुर्का पहनने पर लगाई रोक, मुस्लिम संगठनों ने बताया काला दिन

फ्रांस बेल्जियम और ऑस्ट्रिया के बाद स्विट्जरलैंड ने भी सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओँ के बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। महिलाएं बुर्का पहनकर सार्वजनिक स्थानों रेस्टोरेंट स्टेडियम पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सड़क पर नहीं जा सकेंगी।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Mon, 08 Mar 2021 01:10 PM (IST)
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महिलाएं धार्मिक स्थलों पर स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से अपना चेहरा ढंक सकेंगी।
ज्यूरिच (स्विट्जरलैंड), एजेंसी। एक प्रमुख घटनाक्रम में रविवार को स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे संबंधित प्रस्ताव को जनादेश में मामूली अंतर से स्वीकृति मिली। इससे पहले यूरोप के कई देश बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। फ्रांस, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया में भी इस तरह का कानून लागू हो चुका है।

इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर महिलाएं सार्वजनिक स्थानों, रेस्टोरेंट, स्टेडियम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सड़क पर नहीं चल पाएंगी। हां, वे धार्मिक स्थलों पर, स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से अपना चेहरा ढंक सकेंगी। कोविड महामारी से बचाव के लिए भी चेहरा ढंकने पर छूट होगी। कुल 1,426,992 मतदाताओं ने इस बैन का समर्थन किया और 1,359,621 लोग इस बैन के खिलाफ थे।

इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन भी रोका जा सकेगा। वैसे 85 लाख की आबादी वाले देश में कुछ दर्जन महिलाएं ही नकाब या बुर्के का इस्तेमाल करती हैं लेकिन उन पर रोक लगाकर देश ने अपनी सतर्कता की मंशा जाहिर कर दी है। वहीं, स्विट्जरलैंड की सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम ने इस फैसले वाले रविवार को समुदाय के लिए काला दिन बताया है।

उल्लेखनीय है कि यूरोप में आतंकी हमलों की संख्या बढ़ रही है। फ्रांस इस तरह के हमलों के निशाने पर है। संसद में स्विस पीपुल्स पार्टी के सदस्य और जनादेश समिति की प्रमुख वाल्टर वॉबमान ने कहा, स्विट्जरलैंड में चेहरा ढंकने की परंपरा नहीं है। हम अपना चेहरा दिखाना पसंद करते हैं। यह हमारी स्वतंत्रता से जुड़ा मसला है। हमारा मानना है कि चेहरा ढंकना अतिवादी और इस्लाम का राजनीतिकरण करने का मसला है। इसके लिए स्विट्जरलैंड में कोई जगह नहीं है।