भूकंप के तेज झटकों से दहला ताइवान, नौ की मौत और 50 लापता; पीएम मोदी ने जताई संवेदना
Taiwan Earthquake ताइवान में वैसे तो प्राय भूकंप आते रहते हैं लेकिन यह 1999 के बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि भूकंप इतना तेज था कि वे लोग तुरंत घरों से बाहर आ गए। कुछ इमारतें 45 डिग्री तक झुक गईं जिससे लोग भयभीत हो गए। कई पुरानी इमारतों की छत भरभरा कर गिर गईं।
एपी,ताइपे। ताइवान में बुधवार को आए 25 वर्ष के सबसे शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने लोगों को झकझोर दिया। सुबह आठ बजे 7.4 की तीव्रता से आए भूकंप से अब तक नौ लोगों की जान गई है और 900 से अधिक लोग घायल हैं। वहीं, 50 होटल कर्मचारी लापता हैं, जबकि 77 लोग चट्टानी सुरंगों व इमारतों में फंस हुए हैं।
भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के कुछ देर बाद वापल ले ली गई, हालांकि जापान के तटों पर ऊंची लहरें उठती देगी गईं। घटना के बाद बचावकर्मी लोगों को सुरक्षित निकलने में जुटे हैं। भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर डाले पोस्ट में ताइवान में भूकंप पीडि़तों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि भारत इस विपत्ति की घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।
भूकंप का केंद्र ग्रामीण पर्वतीय शहर हुलिएन में था
वहीं, ताइवान के उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने इसके लिए मोदी को धन्यवाद दिया। भूकंप का केंद्र राजधानी ताइपे से 150 किलोमीटर दूर ताइवान के पूर्वी तट पर स्थित ग्रामीण पर्वतीय शहर हुलिएन में था। जापान और फिलीपींस में तेज सुनामी का अलर्ट जारी किया गया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
ताइवान में वैसे तो प्राय: भूकंप आते रहते हैं, लेकिन यह 1999 के बाद आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था। लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि भूकंप इतना तेज था कि वे लोग तुरंत घरों से बाहर आ गए। कुछ इमारतें 45 डिग्री तक झुक गईं, जिससे लोग भयभीत हो गए। कई पुरानी इमारतों की छत भरभरा कर गिर गईं। भूकंप के बाद स्कूलों से बच्चों को निकालकर मैदान में ले जाया गया।
इस दौरान छतों से टाइल्स गिरने से बचने के लिए विद्यार्थी अपने सिर पर किताब रखे देखे गए। वहीं, बचावकर्मी सीढि़यां लेकर क्षतिग्रस्त घरों में जीवन तलाशने में जुटे थे। वहीं, नेशनल पार्क में मिनी बस में सवार 50 होटल कर्मचारियों से संपर्क नहीं हो सका है।
शक्तिशाली भूकंप से 24 जगह भूस्खलन
ताइवान की नेशनल फायर एजेंसी ने बताया कि भूकंप और उसके बाद आए झटकों से 24 जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा 35 सड़कें, पुल और सुरंगें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ताइवान के भूकंप की निगरानी करने वाली एजेंसी ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी जियोलाजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 7.4 थी।
भूकंप का केंद्र 15.5 किमी गहराई में था। वहीं, जापान की एजेंसी ने इसकी तीव्रता 7.7 आंकी। जापान मेट्रोलाजिकल एजेंसी ने कहा कि ताइवान में भूकंप के 15 मिनट बाद योनागुनी तट पर 30 सेंटीमीटर की सुनामी देखी गई। इस बीच, भारतीय ताइपे एसोसिएशन ने ताइवान में रह रहे भारतीयों को एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है।
तो इसलिए नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
2.3 करोड़ की आबादी वाले ताइवान द्वीप में भूकंप प्राय: आते रहते हैं। लेकिन हाल के भूकंपों में इस तरह नुकसान नहीं हुआ जितना पहले आने वाले भूकंपों में हुआ करता था। लोगों ने इसके लिए ताइवान की हाईटेक प्रणाली को धन्यवाद दिया। ताइवान प्रशांत ''¨रग आफ फायर'' के साथ स्थित है, जो प्रशांत महासागर को घेरने वाली भूकंपीय फाल्ट लाइन है, जहां दुनिया के अधिकांश भूकंप आते हैं।
ताइवान ने पहले की घटनाओं से सीख लेते हुए भूकंप से निपटने की अपनी क्षमता को बढ़ाया है। सिस्मोलाजिस्ट एवं मिसौरी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर स्टेफन गावो कहते हैं कि ताइवान की भूकंप से निपटने की तैयारी दुनिया की सबसे उन्नत प्रणाली में से एक है।
हाल के वर्षों में द्वीप में सबसे शक्तिशाली भूकंप 21 सितंबर 1999 को आया था, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसमें 2,400 लोगों की जान गई थी, जबकि लगभग एक लाख लोग घायल हुए थे। इसके अलावा हजारों इमारतें नष्ट हो गई थीं। लेकिन बुधवार के भूकंप में इतने कम लोगों की जान जाना और नुकसान होना ताइवान की भूकंप से निपटने की क्षमता के उन्नत होने की तस्दीक करता है।
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