Move to Jagran APP

Taiwan Election 2024: चीन की धमकियों के बीच ताइवान में शुरू हुआ मतदान, डीपीपी के उम्मीदवार के जीतने पर तनाव बढ़ने का खतरा

ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। मतदान सुबह आठ बजे शुरू होकर शाम चार बजे तक चलेगा। यहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए 19 मिलियन से अधिक लोग मतदान करेंगे जिनमें से दस लाख पहली बार मतदाता हैं। मतदाता बैलेट पेपर का इस्तेमाल करेंगे। मतदान पूरा होने के बाद इसकी गिनती शुरू हो जाएगी।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 13 Jan 2024 07:22 AM (IST)
Hero Image
ताइवान में राष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग शुरू
एएनआई, ताइपे। ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। मतदान सुबह आठ बजे शुरू होकर शाम चार बजे तक चलेगा। यहां, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए 1.95 करोड़ से अधिक लोग मतदान करेंगे, जिनमें से दस लाख पहली बार के मतदाता हैं। वहीं, मतदाता बैलेट पेपर का इस्तेमाल करेंगे। मतदान पूरा होने के बाद इसकी गिनती शुरू हो जाएगी।

एक करोड़ लोग मतदान के लिए पंजीकृत

देश में 1.95 करोड़ लोग मतदान के लिए पंजीकृत हैं। पिछले दो मतदानों का आंकड़ा देखें तो वोटिंग प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक रहा है, जहां वर्ष 2016 में यह 66.27 प्रतिशत था, वहीं 2020 में यह 74.9 प्रतिशत रहा। मैदान में प्रमुख रूप से दो पार्टियों के बीच मुकाबला है।

पहला डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) जिसका झुकाव अमेरिका की ओर है, दूसरा कुओमिनटांग (केएमटी) पार्टी। केएमटी का झुकाव बी¨जग की ओर है। डीपीपी देश में पिछले आठ वर्षों से सत्ता पर काबिज है। इसके अलावा एक अन्य पार्टी ताइवान पीपल पार्टी (पीपीटी) है।

चुनाव पर अमेरिका और चीन के साथ ही विश्वभर की नजर

चुनाव पर अमेरिका और चीन के साथ ही विश्वभर की नजर है। वर्तमान राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने अपना दो कार्यकाल पूरा कर लिया है। चुनाव में आगे चल रहे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के उम्मीदवार लाइ ¨चग ते का चीन विरोध कर रहा है। वह देश की स्वतंत्रता के समर्थक माने जाते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उनके जीतने की स्थिति में तनाव बढ़ सकता है।

चीन ने ताइवान के मतदाताओं से कहा है कि वह शांति और युद्ध में से एक को चुनें। बीजिंग के खतरे के अलावा भी वोटर के सामने कई अन्य मुद्दे हैं। इनमें महंगे आवास और धीमी होती अर्थव्यवस्था शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन चुनाव के बाद गैर आधिकारिक तौर पर वहां पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी भेजने की योजना बना रहे हैं।