'चेहरे सहित पूरे शरीर को ढकें महिलाएं, पुरुषों को उत्तेजित...' पढ़िए तालिबान के नए फरमान में और क्या है
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को लगभग खत्म कर दिया है। 2021 में देश की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान लगातार महिलाओं की शिक्षा से लेकर उनके रहन सहन और बोलने को पर प्रतिबंध लगा रहा है। इसी कड़ी में तालिबानी शासन ने नए कानून लागू किए हैं जो महिलाओं के रोजाना के सार्वजनिक जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करते हैं।
एएनआई, काबुल। अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने एक नए फरमान में महिलाओं पर नए और कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। नए आदेश के मुताबिक महिलाओं को सार्वजनिक रूप से बोलने और चेहरा दिखाने पर रोक लगा दी गई है। इससे अफगानिस्तान में महिलाओं का जीवन और भी सीमित हो गया है।
तालिबान के मंत्रालय ने बुधवार को 'सदाचार के प्रचार और बुराई की रोकथाम' को लेकर नया कानून लागू किया। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, महिलाओं के लिए बनाए गए नए नियम रोजाना के सार्वजनिक जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करते हैं।
सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कानूनों का समर्थन किया
गुरुवार को मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी अब्दुल गफर फारूक ने कहा, "इंशाअल्लाह, हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि यह इस्लामी कानून सदाचार के प्रचार और बुराई के उन्मूलन में बहुत मददगार होगा।" इससे पहले सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कानूनों का समर्थन किया था।महिलाएं कैसा व्यवहार करें
नए कानून में अनुच्छेद 13 में विस्तार से बताया गया है कि महिलाओं को सार्वजनिक रूप से कैसे कपड़े पहनने चाहिए और कैसे व्यवहार करना चाहिए।
महिलाओं को चेहरे सहित पूरे शरीर को ढकना अनिवार्य
महिलाओं को अब सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे सहित पूरे शरीर को ढकना अनिवार्य है, ताकि वे प्रलोभन से बच सकें और दूसरों को भी प्रलोभन में न डालें। अब से हिजाब, जो चेहरे को ढके बिना केवल बाल और गर्दन को ढकता है, अब स्वीकार्य नहीं होगा।गाने सुनाने या जोर से पढ़ने से मना किया
महिलाओं को अब सार्वजनिक रूप से गाने, सुनाने या जोर से पढ़ने से मना किया गया है। इसके पीछे का कारण बताते हुए तालिबान शासन ने कहा है कि महिलाओं की आवाज को "अंतरंग" माना जाता है और उसे नहीं सुना जाना चाहिए। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि बोलना भी प्रतिबंधित है या नहीं।