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अफगानिस्तान में चिंतित महिलाएं बोलीं- तालिबान उनकी प्रगति को नजरअंदाज नहीं कर सकता, 20 सालों तक किया संघर्ष

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। वहां रह रही महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। चिंतित अफगान महिलाओं ने कहा कि तालिबान हमारी प्रगति को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।

By Pooja SinghEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 01:56 PM (IST)
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अफगानिस्तान में चिंतित महिलाएं बोलीं- तालिबान उनकी प्रगति को नजरअंदाज नहीं कर सकता

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार हालात बिगड़ रहे हैं। वहां रह रही महिलाओं ने तालिबान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है। चिंतित अफगान महिलाओं ने कहा कि तालिबान हमारी प्रगति को नजरअंदाज नहीं कर सकता है, क्योंकि 20 वर्षों से इसके लिए उन्होंने संघर्ष किया है। अफगानिस्तान में महिलाओं ने आतंकवादी समूह के खिलाफ विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में तालिबान के शासन में महिलाओं की स्थिति क्या होगी? महिलाओं ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में किसी भी भविष्य की सरकार में उनका प्रतिनिधित्व कैसे किया जाएगा।

अफगानिस्तान में महिलाओं का तालिबान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

टोलो न्यूज के अनुसार, सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों में काम करने वाली कई महिलाओं ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि भविष्य में किसी भी सरकार में उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

तालिबान शासन में कैसे होगा महिलाओं का विकास, जानें क्या बोला संगठन

बता दें कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद नई सरकार के गठन पर चर्चा शुरू हो चुकी है। हालांकि, तालिबान के तरफ से प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कहा गया है कि उनके शासन में महिलाओं के अधिकारों का इस्लामी कानून के ढांचे के साथ सम्मान किया जाएगा। इसके बावजूद अफगानिस्तान में कई महिला पत्रकारों ने कहा है कि उन्हें समूह द्वारा काम करने से रोका जा रहा है।

जबीहुल्ला मुजाहिद बोले- महिलाओं के साथ नहीं होगा भेदभाव

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने आश्वासन दिया गया था कि वह इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम कर सकती हैं जहां उनकी जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा।

महिलाएं नहीं चाहती थोपी गई सरकार

टोलो न्यूज के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि तालिबान पिछले 20 वर्षों में महिलाओं की प्रगति और उनके संघर्षों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। मानवाधिकार कार्यकर्ता शुक्रिया मशाल ने कहा, 'हमने 20 सालों तक कड़ी मेहनत की है और अब पीछे नहीं हटेंगे। वहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि हम एक थोपी गई सरकार नहीं चाहते हैं'।