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Mullah Omar की कब्रगाह को तालिबान ने 9 साल तक रखा 'सीक्रेट', अब किया खुलासा

तालिबान ने अपने आंदोलन के संस्थापक मुल्ला उमर की कब्रगाह का 9 साल बाद खुलासा किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि दुश्मनों से बचाने के लिए कब्र को गुप्त (Secret) रखा गया था। केवल करीबी परिवार के सदस्यों को ही इसके बारे में पता था।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Mon, 07 Nov 2022 10:36 AM (IST)
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तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर की कब्रगाह का 9 साल बाद खुलासा (फोटो-एपी)

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर हुकूमत कर रहे तालिबान (Taliban) ने रविवार को आंदोलन के संस्थापक मुल्ला उमर (Mullah Omar) के दफन स्थान (Resting Place) का खुलासा किया। इस स्थान को उसने कई सालों से गुप्त रखा हुआ था। अप्रैल 2015 में तालिबान ने स्वीकार किया था कि उनकी दो साल पहले मौत हो गई थी।

समारोह में शामिल हुए आंदोलन से जुड़े नेता

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद (Taliban spokesman Zabihullah Mujahid) ने रविवार को बताया कि आंदोलन के वरिष्ठ नेता जाबुल प्रांत (Zabul province) के सूरी जिले में ओमारजो के पास उनकी कब्रगाह पर एक समारोह में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि बहुत दुश्मन आसपास थे और देश पर कब्जा कर लिया गया था। इसलिए, नुकसान से बचाने के लिए मकबरे को गुप्त रखा गया था। केवल करीबी परिवार के सदस्यों को ही जगह के बारे में पता था।

अधिकारियों ने जारी की तस्वीर

अधिकारियों ने जो तस्वीर जारी की है, उसमें दिखाया गया है कि तालिबान नेता एक साधारण सफेद ईंट के मकबरे के चारों ओर इकट्ठा हुए थे, जो बजरी से ढका हुआ और हरे धातु के पिंजरे में बंद था। मुजाहिद ने कहा कि अब फैसला हो गया है। लोगों के मकबरे पर जाने में कोई दिक्कत नहीं है। गौरतलब है कि तालिबान ने पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी की थी।

उमर ने की तालिबान की स्थापना

उमर की मौत लगभग 55 साल की उम्र में हुई। उन्होंने 1993 में सोवियत कब्जे के बाद भड़के गृह युद्ध के लिए तालिबान की स्थापना की थी। उनके नेतृत्व में तालिबान ने इस्लामी शासन का एक अत्यंत कठोर संस्करण पेश किया। इस दौरान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से प्रतिबंधित किया गया और कठोर सार्वजनिक दंड की शुरुआत की गई, जिसमें फांसी और कोड़े भी शामिल थे।

मसूद के मकबरे में तोड़फोड़

उमर का समारोह प्रांतीय तालिबान अधिकारियों द्वारा उन रिपोर्टों का खंडन करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें अहमद शाह मसूद (Ahmad Shah Massoud) के पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) के मकबरे को तोड़ दिया गया था। मुजाहिद ने कहा कि अगर यह सच है तो सजा दी जाएगी। मसूद का मकबरा ग्रेनाइट और संगमरमर से बना हुआ है।

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मकबरे को नुकसान पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई

पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) के सूचना और संस्कृति प्रमुख नसरुल्ला मलकजादा (Nasrullah Malakzada) ने मकबरे के क्षतिग्रस्त होने से इनकार किया है। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है। हालांकि, इस वीडियो में क्षतिग्रस्त हिस्से को नहीं दिखाया गया है। मलकजादा ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हमने पहले भी इस तरह के कृत्य करने वालों को दंडित किया गया है।

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