अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद पाक में बढ़े आतंकी हमले, 51 फीसद की रिकार्ड वृद्धि दर्ज
पाक इंस्टीट्यूट आफ पीस स्टडीज के अनुसार दो दशकों के रक्तपात के बाद अमेरिका जब स्थिति को नियंत्रण करने में विफल रहा तो उसने अफगानिस्तान छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद इस्लामी विद्रोहियों ने राजधानी काबुल पर धावा बोल दिया और बिना किसी प्रतिरोध के शहर पर कब्जा कर लिया।
इस्लामाबाद, पीटीआई। Afghanistan News: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर बीते अगस्त में तालिबान (Taliban) का कब्जा होने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में रिकार्ड 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी एक स्थानीय थिंक टैंक की रिपोर्ट में दी गई है।
दो दशक के रक्तपात के बाद अमेरिका ने वापसी का लिया निर्णय
पाक इंस्टीट्यूट आफ पीस स्टडीज (पीआइपीएस) के अनुसार, दो दशकों के रक्तपात के बाद अमेरिका जब स्थिति को नियंत्रण करने में विफल रहा तो उसने अफगानिस्तान छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद इस्लामी विद्रोहियों ने राजधानी काबुल पर धावा बोल दिया और बिना किसी प्रतिरोध के शहर पर कब्जा कर लिया।
पाक में 51 फीसद बढ़े आतंकी हमले
पीआइपीएस ने अपनी रिपोर्ट 'फेलआउट आफ अफगान सिचुएशन एंड पाकिस्तान पालिसी रिस्पांस' में उल्लेख किया है कि 'पाकिस्तान के लिए काबुल में एक आतंकवादी शासन का खतरा स्पष्ट रूप से दिख रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन स्थापित होने के बाद एक साल में आतंकवादी हमलों की संख्या में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
खैबर पख्तूनख्वा के निवासियों में भय और दहशत
पीआइपीएस की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 15 अगस्त, 2021 से 14 अगस्त, 2022 के बीच 250 आतंकवादी हमलों में 433 लोग मारे गए और 719 घायल हुए। इसी तरह, हाल के महीनों में अफगानिस्तान से टीटीपी आतंकवादियों की कथित वापसी को लेकर खैबर पख्तूनख्वा के निवासियों में भय और दहशत है।
अब तक तालिबान ने केवल इस्लामिक स्टेट खुरासान (IS-K) के खिलाफ कार्रवाई की है क्योंकि यह समूह के कायदे कानूनों को चुनौती दे रहा है। UNHCR ने बताया कि तालिबानी सत्ता आने के बाद से 300,000 से अधिक अफगानी पाकिस्तान चले गए।