Move to Jagran APP

Thailand : थाईलैंड में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने की तैयारी, इन दो देशों में पहले ही बन चुका है कानून

थाईलैंड की संसद ने बुधवार को विवाह समानता विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक कदम के साथ ही थाईलैंड समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला तीसरा देश बन जाएगा। इस विधेयक को थाईलैंड की सभी प्रमुख पार्टियों का समर्थन प्राप्त था और इसे बनाने में एक दशक से अधिक का समय लगा। यह कानून 120 दिन बाद प्रभावी होगा।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 27 Mar 2024 04:16 PM (IST)
Hero Image
Thailand : थाईलैंड में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने की तैयारी (File Photo)
एपी, बैंकॉक। थाईलैंड में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने की तैयारी हो रही है। संसद के निचले सदन ने बुधवार को विवाह समानता विधेयक को भारी बहुमत से पारित कर दिया है। 415 में से 400 सांसदों ने पक्ष में मतदान किया। कानून बनने पर थाईलैंड दक्षिण पूर्व एशिया का पहला और ताइवान और नेपाल के बाद एशिया का तीसरा देश बन जाएगा।

थाईलैंड की संसद ने बुधवार को विवाह समानता विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक कदम के साथ ही थाईलैंड समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला तीसरा देश बन जाएगा। इस विधेयक को थाईलैंड की सभी प्रमुख पार्टियों का समर्थन प्राप्त था और इसे बनाने में एक दशक से अधिक का समय लगा। कानून बनने से पहले इसे अभी भी सीनेट से अनुमोदन और राजा से समर्थन की आवश्यकता है। यह कानून बनने में अभी 120 दिन का समय लगेगा।

इस विधेयक के माध्यम से 'पुरुष और महिला' और 'पति और पत्नी' शब्दों को 'व्यक्ति' और 'विवाह भागीदार' में बदलने के लिए सिविल एंड कमर्शियल कोड में संशोधन किया जाना है। यह एलजीबीटीक्यू प्लस जोड़ों की पहुंच पूर्ण कानूनी, वित्तीय और चिकित्सा अधिकारों तक बनाएगा।

विधेयक को सीनेट के पास भेजा जाएगा। निचले सदन से पारित किसी भी विधेयक को सीनेट ने शायद ही कभी खारिज किया हो, इसलिए इसका कानून बनना तय माना जा रहा है। वहां से इसे राजा के पास भेजा जाएगा।

सत्ताधारी फू थाई पार्टी के प्रवक्ता दानुफार्न पुन्नकांता ने कहा कि यह संशोधन हर किसी के लिए है। हम एलजीबीटीक्यू प्लस को अधिकार लौटाना चाहते हैं। ये मौलिक अधिकार हैं जो इस समूह के लोगों ने खो दिया है।

समान अधिकार की गारंटी

लोगों का मानना है कि यह कानून और बदलते सामाजिक दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित नहीं करता है और अभी भी एलजीबीटी लोगों और समान-लिंग वाले जोड़ों के खिलाफ भेदभाव करते हैं।

बुधवार को पारित कानून चार अलग-अलग मसौदा विधेयकों का एकीकरण है और पहले से परिभाषित पति और पत्नी के बजाय लिंग की परवाह किए बिना दो लोगों के बीच विवाह को मान्यता देता है।

यह देश के नागरिक और वाणिज्यिक संहिता के तहत एक जोड़े को विवाहित जोड़े के पूर्ण अधिकार प्रदान करता है। इसमें विरासत और बच्चों को गोद लेने से संबंधित अधिकार भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: सिंगापुर सरकार और Taylor Swift के बीच इस डील से साउथ एशिया में मची खलबली, थाईलैंड जैसे देशों ने सिंगर से की ये खास अपील