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छत्रपति शिवाजी के वाघनख की सदियों बाद ब्रिटेन से होगी भारत वापसी, महाराष्ट्र सरकार व संग्रहालय के बीच होगा MoU

छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघनख जल्द तीन साल के लिए इंग्लैंड से भारत लाया जाएगा। असल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने जा रहे हैं। फिलहाल यह वाघनख लंदन स्थित विक्टोरिया एंड अल्बर्ट संग्रहालय में रखा हुआ है। संग्रहालय व महाराष्ट्र सरकार के बीच अगले सप्ताह एक इस वाघनख को भारत लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 01 Oct 2023 09:41 PM (IST)
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छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघनख (जागरण ग्राफिक्स)
पीटीआई, लंदन। जिस वाघनख (बाघ के पंजे जैसा लोहे का हथियार) की मदद से 1659 में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) ने प्रतिद्वंद्वी बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान (Afzal Khan) का वध किया था, उसे जल्द तीन साल के लिए इंग्लैंड से भारत लाया जाएगा। इसे मुंबई के छत्रपति शिवाजी संग्रहालय में रखे जाने की संभावना है।

असल में छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में इसे दर्शाया जाएगा। फिलहाल यह वाघनख लंदन स्थित विक्टोरिया एंड अल्बर्ट संग्रहालय में रखा हुआ है।

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समझौता ज्ञापन पर होंगे हस्ताक्षर

संग्रहालय व महाराष्ट्र सरकार के बीच अगले सप्ताह एक इस वाघनख को भारत लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होंगे। इसके लिए रविवार देर रात महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ब्रिटेन रवाना हुए। उन्होंने कहा,

पहले चरण में हम वाघनख ला रहे हैं। इसे यहां नवंबर में लाए जाने की संभावना है और हम इसके लिए सहमति पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। हमारा प्रयास इसे उस दिन लाना है, जिस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस वाघनख से अफजल खान की अंतड़ियां निकाल दी थीं।

'प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत है वाघनख'

मुनगंटीवार ने कहा कि वाघनख हमारे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत है। विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम के अनुसार, यह वाघनख ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डफ (1789-1858) को दिया गया था जिसे 1818 में तत्कालीन सातारा रियासत का राजनीतिक एजेंट नियुक्त किया गया था। मराठा साम्राज्य के तत्कालीन पेशवा ने डफ को यह वाघनख दिया था। बाद में इस वाघनख को डफ के एक वंशज ने लंदन के इस संग्रहालय को उपहार में दिया था।

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संग्रहालय के अनुसार, इस वाघनख को एक फिटेड केस में रखा गया है और इस पर लिखा है 'शिवाजी का वाघनख' जिससे उन्होंने मुगल सेनापति को मार गिराया।