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UK News: NATO शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्रिटेन पहुंचे बाइडन, यूक्रेन की सदस्यता पर होगी अहम चर्चा

UK News अमेरिकी राष्ट्रपति नाटो शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्रिटेन पहुंच गए हैं। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाना है। बाइडन और नाटो सहयोगियों का लक्ष्य यूक्रेन के लिए समर्थन दिखाना और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को यह एहसास दिलाना है कि भविष्य में नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए क्या करना होगा।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 10 Jul 2023 01:34 PM (IST)
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यूक्रेन को समर्थन देगा नाटो, लेकिन सदस्यता नहीं

इंग्लैंड, रायटर्स। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तीन देशों की यात्रा शुरू करते हुए रविवार को ब्रिटेन पहुंच चुके हैं। इस यात्रा के दौरान वह लिथुआनिया में नाटो शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे। इस बार शिखर सम्मेलन का उद्देश्य रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाना है, जबकि अभी तक कीव को संगठन के सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है।

इस सप्ताह लिथुआनिया में गठबंधन शिखर सम्मेलन से पहले बाइडन और तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के बीच एक कॉल में नाटो के 31 सदस्य देशों के बीच एकजुटता बनाने की चुनौतियों पर चर्चा हुई, जिसमें पश्चिमी गठबंधन में सदस्यता के लिए स्वीडन को सदस्य बनाने की बात पर लगातार विवाद हो रहा है।

किंग चार्ल्स के साथ करेंगे बैठक

बाइडन स्टैन्स्टेड हवाई अड्डे पर उतरे और सेंट्रल लंदन के लिए मरीन वन हेलीकॉप्टर में सवार हुए, यहां वह सोमवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात करेंगे। इसके बाद, वह किंग चार्ल्स के साथ यात्रा के लिए विंडसर कैसल जाएंगे। किंग चार्ल्स के साथ जलवायु संबंधी पहलों पर चर्चा हो सकती है। जून 2021 में बाइडन ने विंडसर में महारानी के साथ बैठक की थी और उन्होंने रूस और चीन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।

नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए क्या करें यूक्रेन 

सोमवार को बाइडन विनियस, लिथुआनिया की यात्रा करेंगे और मंगलवार तथा बुधवार को नाटो नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। बाइडन और नाटो सहयोगियों का लक्ष्य यूक्रेन के लिए समर्थन दिखाना और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की को यह एहसास दिलाना है कि भविष्य में नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए क्या करना होगा।

युद्ध के बीच एकमत होने मुश्किल

अपनी यात्रा से पहले एक साक्षात्कार में बाइडन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि युद्ध के बीच में इस बात पर एकमत बन सकेगी कि यूक्रेन को नाटो परिवार में लाया जाए या नहीं।" वहीं ,यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का निमंत्रण यह संदेश देगा कि पश्चिमी रक्षा गठबंधन मास्को से डरता नहीं है। रविवार को एक साक्षात्कार में जेलेंस्की ने कहा कि विनियस में यह उनके सभी लक्ष्यों में से एक होगा।

नए सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए

जेलेंस्की ने साक्षात्कार के दौरान कहा, "मैं वहां रहूंगा और उस समाधान में तेजी लाने के लिए, अपने साझेदारों के साथ समझौता करने के लिए जो कुछ भी मैं कर सकता हूं वह करूंगा।" नए सदस्यों को सभी मौजूदा नाटो सदस्यों के सर्वसम्मत वोट से अनुमोदित किया जाना चाहिए।

व्हाइट हाउस ने रविवार को एक बयान में कहा, बाइडन ने एर्दोगन के साथ फोन पर स्वीडन को नाटो में शामिल करने की बात पर चर्चा की और जल्द से जल्द नाटो में स्वीडन का स्वागत करने की अपनी इच्छा व्यक्त की।

बाइडेन की रणनीति पर प्रतिद्वंदियों को संदेह

बाइडन की लिथुआनिया यात्रा का केंद्र बिंदु वह भाषण होगा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति बुधवार को विनियस विश्वविद्यालय में देंगे। बाइडन के उद्देश्यों में से एक अमेरिकियों को यूक्रेन के लिए समर्थन जारी रखने के महत्व को दिखाना है। नवंबर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में उनके कुछ रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों ने उनकी यूक्रेन को समर्थन देने की रणनीति को लेकर संदेह व्यक्त किया है।

क्लस्टर बम देने के फैसले पर जताई चिंता

कुछ डेमोक्रेटिक सांसदों ने रविवार को यूक्रेन को क्लस्टर हथियार भेजने के बाइडन के फैसले पर चिंता जताई। दरअसल, यह बम एक साथ दर्जनों छोटे बम हवा में रहते हुए ही फैला देता है, जो व्यापक क्षेत्रों में विनाश का कारण बनते हैं और बिना विस्फोट वाले आयुध दशकों तक खतरा पैदा कर सकते हैं।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को मीडिया से कहा कि यूक्रेन ने लिखित आश्वासन में कहा है कि वह रूस या आबादी वाले इलाकों में क्लस्टर बमों का इस्तेमाल नहीं करेगा।