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युद्ध के मैदान में लगातार पीछे हट रहा यूक्रेन, जेलेंस्की की सेना ने दो और गांव छोड़े; रूस ने किया कब्जा

युद्ध के मोर्चे पर यूक्रेनी सेना का पीछे हटने का क्रम जारी है। इस क्रम में मंगलवार-बुधवार रात यूक्रेनी सैनिक दो और गांवों के अपने मोर्चे खाली करके पीछे हट गए अब वहां पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है। दोनों गांव पूर्वी यूक्रेन में अव्दीविका शहर के नजदीक हैं जिस पर नौ महीने से ज्यादा लंबी लड़ाई लड़कर रूसी सेना ने हाल में कब्जा किया था।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Wed, 28 Feb 2024 11:11 PM (IST)
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युद्ध के बीच यूक्रेनी सेना का पीछे हटने का क्रम जारी है। (फोटो- एपी)
रायटर, कीव। युद्ध के मोर्चे पर यूक्रेनी सेना का पीछे हटने का क्रम जारी है। इस क्रम में मंगलवार-बुधवार रात यूक्रेनी सैनिक दो और गांवों के अपने मोर्चे खाली करके पीछे हट गए, अब वहां पर रूसी सेना का कब्जा हो गया है।

रूसी सैनिकों का गांवों पर कब्जा

दोनों गांव पूर्वी यूक्रेन में अव्दीविका शहर के नजदीक हैं जिस पर नौ महीने से ज्यादा लंबी लड़ाई लड़कर रूसी सेना ने हाल में कब्जा किया था। इन गांवों से पहले भी यूक्रेनी सेना एक और गांव छोड़ चुकी है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने हथियारों के लिए लगाई गुहार

इस बीच हथियारों और गोला-बारूद की कमी को पूरा करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बाल्कन देशों से सहयोग मांगा है। अल्बानिया की राजधानी तिराना में आयोजित दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय (बाल्कन) देशों के सम्मेलन में पहुंचे जेलेंस्की ने हथियारों और गोला-बारूद का मिलकर उत्पादन करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, यूक्रेन में रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाली करीब 500 कंपनियां हैं. लेकिन ये उतना उत्पादन नहीं कर पा रही हैं जिनसे रूस की सेना को हराया जा सके। जेलेंस्की ने माना कि युद्ध के मैदान में उनकी सेना हथियारों और गोला-बारूद की कमी महसूस कर रही है।

यूरोपीय संघ ने हथियार खरीदने पर क्या कहा?

इस सम्मेलन में अल्बानिया, सर्बिया, उत्तरी मेसीडोनिया, कोसोवो, बोस्निया, मोंटेनेग्रो, क्रोएशिया और माल्दोवा भाग ले रहे हैं। अल्बानिया, उत्तरी मेसीडोनिया और मोंटेनेग्रो नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के सदस्य देश हैं और ये पहले से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं। इस बीच यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सला वोन डेर लियेन ने प्रतिबंधों के तहत जब्त की गई रूसी धनराशि से यूक्रेन की सेना के लिए हथियार खरीदे जाने का सुझाव दिया है।