Russia-Ukraine Crisis: बिजली-पानी की तंगी के बावजूद रणक्षेत्र में जमा हुआ है यूक्रेन
Russia-Ukraine Crisis यूक्रेन पूर्वी और दक्षिण क्षेत्र में कर रहा है रूसी सेना का मुकाबला। ठंड से पहले 300 से ज्यादा यूक्रेनी ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हो चुके है हमले। जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज ने कहा है कि रूस ऊर्जा और खाद्यान्न पर हमले करके यूक्रेन को हराना चाहता है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 20 Oct 2022 10:45 PM (IST)
कीव, रायटर। बिजली की तंगी का सामना कर रहा यूक्रेन अपने पूर्वी और दक्षिणी भाग में रूसी सेना से मुकाबला जारी रखे हुए है। गुरुवार को भी उसने कई शहरों में अपनी जमीन का कब्जा वापस लेने के लिए कई बड़े हमले किए। हाल के दिनों में रूसी सेना के आधारभूत ढांचे पर लगातार हमलों से यूक्रेन में बिजली और पानी का संकट पैदा हुआ है। ठंडक के मौसम की शुरुआत में बिजलीघरों पर रूसी सेना के मिसाइल और ड्रोन हमलों ने यूक्रेन के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है।
बिजलीघरों की मरम्मत का कार्य जारी है लेकिन नहीं लग रहा कि यूक्रेन बिजली उत्पादन और आपूर्ति की पुरानी क्षमता जल्द पा पाएगा। इस बीच रूसी हमलों का खतरा भी बना हुआ है। भविष्य की चुनौती को भांपते हुए लोगों ने विद्युत उपभोग में कमी कर दी है। बिजली की बचत के लिए सरकार ने भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज ने कहा है कि रूस ऊर्जा और खाद्यान्न पर हमले करके यूक्रेन को हराना चाहता है। यह युद्ध जीतने का गलत तरीका है।
जवाब रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि शुल्ज जर्मनी का इतिहास भूल रहे हैं। नाजी जर्मनी ने युद्ध में के दौरान सोवियत संघ के तीन करोड़ लोगों को भूख और ठंड से मार डाला था। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हालुशचेंको ने बताया है कि देश के 300 से ज्यादा ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर रूसी हमले हो चुके हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमले जारी रहने की बात कही है।
दक्षिणी भाग में जारी लड़ाई में यूक्रेनी सेना का आगे बढ़ना जारी है। रूसी सेना बड़ी लड़ाई के लिए कब्जे वाला यह इलाका खाली करा रही है। आशंका है कि रूसी सेना यहां पर संहारक हथियारों का इस्तेमाल कर सकती है। मीकोलईव शहर में गुरुवार को पांच रूसी ड्रोन हमलों की खबर है लेकिन उससे हुए नुकसान की खबर नहीं मिल सकी है।