बूचा नरसंहार को लेकर जेलेंस्की का रूस पर तगड़ा हमला, कहा- सैनिकों को नहीं करेंगे माफ; मारे गए थे 1400 लोग
यूक्रेन ने 33 दिनों के रूसी कब्जे के बाद बूचा पर नियंत्रण हासिल किया था। मोल्डोवा के राष्ट्रपति और क्रोएशिया स्लोवाकिया और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्रियों ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। मोल्डोवा के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें निर्दोष लोगों के मारे जाने का दुख है। (फोटो रायटर)
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 01 Apr 2023 12:11 AM (IST)
यूक्रेन, रायटर। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन बूचा नरसंहार के जिम्मेदार रूसी सैनिकों को कभी माफ नहीं करेगा। यूक्रेन ने बूचा शहर को पड़ोसी देश की सेना से मुक्त कराने के एक वर्ष पूरा होने का जश्न मनाया।
यूक्रेन ने 33 दिनों के रूसी कब्जे के बाद इस शहर पर नियंत्रण हासिल किया था। मोल्डोवा के राष्ट्रपति और क्रोएशिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्रियों ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया। मोल्डोवा के राष्ट्रपति माइआ सैंडु ने कहा कि उन्हें निर्दोष लोगों के मारे जाने का दुख है।
जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेनियाई अधिकारियों द्वारा किए गए दस्तावेजीकरण के मुताबिक बूचा में 37 बच्चों सहित 1400 आम लोगों की मौत युद्ध में हुई।
कीव का कहना है कि रूसी कब्जे के दौरान बूचा में 37 बच्चों सहित 1400 आम लोगों की मौत युद्ध में हुई। इनमें से 175 से अधिक लोगों के शव सामूहिक कब्रों से मिली जिन्हें कथित तौर पर यातना दी गई थी। अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ता बूचा समेत अन्य जगहों में युद्ध अपराधों के साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। हालांकि, रूस आरोपों को सिरे से खारिज करता रहा है।
पूर्वी-दक्षिणी इलाकों में भयंकर लड़ाई जारी
उधर, यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों में भयंकर लड़ाई जारी है। यहां एक तरफ रूस आगे बढ़ने के लिए तीव्र लड़ाई लड़ रहा है, वहीं यूक्रेन के सैन्य बलों ने बखमुत शहर पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। ऐसी उम्मीद है कि वे रूसी हमलों पर जवाबी कार्रवाई करेंगे।रूस में गिरफ्तार हुआ अमेरिकी पत्रकार
इसी बीच रूस में अमेरिकी पत्रकार की गिरफ्तारी से दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया। बता दें कि पत्रकार को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हालांकि, अमेरिका ने इस आरोप को हास्यास्पद बताया है।
बूचा पर यूक्रेन ने अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है, लेकिन फिर भी यहां के लोग युद्ध जैसे हालात से दो-चार हैं। अक्सर मिसाइल और ड्रोन हमलों के अलर्ट जारी होते हैं। कई लोग अब भी गहरे मनोवैज्ञानिक सदमे में हैं। इसके अलावा घरों, सड़कों और बुनियादी ढ़ांचे को काफी नुकसान पहुंचा है।