India in UN: चुनावी प्रक्रिया पर UN मानवाधिकार उच्चायुक्त की टिप्पणी अनुचित, भारत ने उच्चायुक्त को सुनाई दो टूक
भारत ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी द्वारा देश की चुनावी प्रक्रिया को लेकर की गई टिप्पणियां अनुचित और निराधार हैं। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने कहा कि नई दिल्ली देश के आगामी आम चुनावों के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क की टिप्पणियों से भारत पूरी तरह वाकिफ है।
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। भारत ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी द्वारा देश की चुनावी प्रक्रिया को लेकर की गई टिप्पणियां अनुचित और निराधार हैं। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने कहा कि नई दिल्ली देश के आगामी आम चुनावों के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क की टिप्पणियों से भारत पूरी तरह वाकिफ है।
जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में तुर्क ने 'नागरिक अधिकारों पर बढ़ती पाबंदियों-पत्रकारों और कथित आलोचकों को निशाना बनाने के साथ-साथ अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और नफरती भाषण को लेकर चिंता जताई थी।
किसी भी लोकतंत्र में तर्क-विवाद स्वाभाविक
बागची ने कहा, इस संबंध में उनकी चिंताएं अनावश्यक हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं। किसी भी लोकतंत्र में तर्क-विवाद स्वाभाविक है। यह जरूरी है कि सत्ता के पदों पर बैठे लोग अपने फैसले का दुष्प्रचार न होने दें।विविधता भारत के संवैधानिक मूल्यों का आधार
बागची ने कहा कि बहुलता, विविधता, भारत की लोकतांत्रिक राजनीति और इसके संवैधानिक मूल्यों के आधार हैं। इसका उद्देश्य सभी के अधिकारों की रक्षा करना है। भारत ने सभी के लिए मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए समर्पण के साथ आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। हम दुनिया को एक परिवार के रूप में देखते हैं।चुनावी जनादेश में सभी का पूर्ण विश्वास
बागची ने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया की विशेषता लोगों की उच्च स्तर की भागीदारी और चुनावी जनादेश में सभी का पूर्ण विश्वास है। हम सौभाग्यशाली हैं कि दुनिया भर में तमाम लोग हमारे अनुभव से सीखना चाहते हैं और उसका अनुकरण करना चाहते हैं।