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दुनिया में एक अरब से ज्यादा लोग घोर गरीबी में जी रहे जिंदगी, संयुक्त राष्ट्र ने भारत को लेकर दिए चौंकाने वाले आंकड़े

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 23.4 करोड़ लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं जिसे मध्यम मानव विकास सूचकांक में रखा गया है। भारत उन पांच देशों में है जहां पर घोर गरीबी में जीवनयापन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है।दुनिया में घोर गरीबी में जीवन यापन करने वाले 1.1 अरब लोगों में करीब आधे (48.1 प्रतिशत) इन पांच देशों में रहते हैं।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 19 Oct 2024 05:46 AM (IST)
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दुनिया में एक अरब से ज्यादा लोग घोर गरीबी में जी रहे जिंदगी

 संयुक्त राष्ट्र। भारत दुनिया के उन पांच देशों में है, जहां सबसे ज्यादा लोग घोर गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में करीब 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जिंदगी बसर कर रहे हैं और इनमें से भी आधे नाबालिग हैं।

दुनिया में 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जी रहे

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की आक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) की ओर से गुरुवार को बहु आयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआइ) जारी की गई। इसमें कहा गया है कि दुनिया में 1.1 अरब लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत लोग युद्ध, नाजुक स्थिति या कम शांति वाले देशों में रह रहे हैं।

भारत में 23.4 करोड़ लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 23.4 करोड़ लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं, जिसे मध्यम मानव विकास सूचकांक में रखा गया है। भारत उन पांच देशों में है जहां पर घोर गरीबी में जीवनयापन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है।

भारत के अलावा अन्य चार देश के ये हैं आंकड़े

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अलावा अन्य चार देश पाकिस्तान (9.3 करोड़), इथियोपिया (8.6 करोड़), नाइजीरिया (7.4 करोड़) और कांगो (6.6 करोड़) हैं, जिन्हें निम्न मानव विकास सूचकांक में रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि दुनिया में घोर गरीबी में जीवन यापन करने वाले 1.1 अरब लोगों में करीब आधे (48.1 प्रतिशत) इन पांच देशों में रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा- 25 करोड़ को गरीबी से निकाला

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न पहलों के माध्यम से अपनी विशाल आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जबकि इस बात पर प्रकाश डाला कि 225 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने गरीबी उन्मूलन और कृषि विकास, खाद्य सुरक्षा और पोषण पर दूसरी समिति की सामान्य चर्चा में भारत का वक्तव्य दिया।

दुबे ने भारत की सफलता का श्रेय सरकार के लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों को दिया, जो हाशिए पर रहने वाले और कमजोर समुदायों को सशक्त बनाते हैं अपने बयान में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल के वर्षों में वैश्विक गरीबी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव ने कही ये बात

उन्होंने कहा कि भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और भारत सरकार ने समाज के हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप तैयार किया है। लिंग अंतर कम होना शुरू हो गया है; युवाओं को कौशल प्रदान करना एक प्रमुख प्राथमिकता है।