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Niger Coup: नाइजर में सैन्य तख्तापलट की UN ने की निंदा, राष्ट्रपति बजौम को बिना शर्त रिहा करने की मांग

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को नाइजर में हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा की और राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने का आह्वान किया। एक बयान में 15-सदस्यीय परिषद ने बजौम उनके परिवार और उनकी सरकार के सदस्यों की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। परिषद ने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि और गंभीर सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 29 Jul 2023 08:00 AM (IST)
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Niger Coup की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने की निंदा
न्यूयार्क, रायटर। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को नाइजर की 'असंवैधानिक रूप से वैध सरकार को बदलने के प्रयासों' की कड़ी निंदा की और नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने का आह्वान किया। इससे पहले, अमेरिका ने भी नाइजर में हुए सैन्य तख्तापलट की निंदा करते हुए राष्ट्रपति को जल्द रिहा करने की मांग की थी।

परिषद ने व्यक्त की चिंता

सर्वसम्मति से जारी एक बयान में 15-सदस्यीय परिषद ने बजौम, उनके परिवार और उनकी सरकार के सदस्यों की सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। 

परिषद ने अपने बयान में कहा,

सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने क्षेत्र में सरकार के असंवैधानिक परिवर्तनों के नकारात्मक प्रभाव, आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि और गंभीर सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की।

नेता कौन बनेगा?

बता दें, राष्ट्रपति गार्ड के सदस्यों ने नाइजर के राष्ट्रपति बजौम को हिरासत में ले लिया है, जिसके बाद से सेना के विभिन्न गुटों में सत्ता के लिए खींचतान शुरू हो गई है। तख्तापलट के दो दिन बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि नेता कौन बनेगा। सेना के विभिन्न गुटों में संघर्ष देखने को मिला।

हालांकि, तख्तालट का नेतृत्व करने वाले जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने संदेश जारी कर कहा कि उन्हें सैनिकों ने नेता के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने देश के नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से समर्थन मांगा है।

नाइजर को भागीदार के रूप में देखते हैं पश्चिमी देश

अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकियों से लड़ने के लिए नाइजर को पश्चिमी देश भागीदार के रूप में देखती है। यहां रूस और पश्चिमी देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा रहती है।

फ्रांस के 1500 सैनिक हैं, जो नाइजीरियाई लोगों के साथ संयुक्त अभियान चलाते हैं।

नाइजर में सैन्य तख्तापलट कब हुआ?

बता दें, 27 जुलाई को नाइजर की सेना ने तख्तापलट कर राष्ट्रपति बजौम को राजधानी नियामे में उनके आवास पर बंधक बना लिया। इसके साथ ही संविधान को भंग कर दिया गया और देश की सीमाओं को बंद कर दिया गया।