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India In UN Security Council: यूक्रेन संघर्ष और कोविड संकट के बीच ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में उभरा भारत

UN Security Council संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान ग्लोबल साउथ की एक आवाज के रूप में उभरा है। यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसका प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 27 Dec 2022 03:28 PM (IST)
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UN Security Council India emerges as voice of Global South
संयुक्त राष्ट्र, एजेंसी। India In UN Security Council: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में भारत अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान ग्लोबल साउथ की एक आवाज के रूप में उभरा है। भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया। 31 दिसंबर 2022 को 15 सदस्यीय परिषद में अपनी अस्थायी सीट छोड़ने से पहले भारत ने दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र निकाय की अध्यक्षता की। इसमें संयुक्त राष्ट्र में देश की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) हार्स-शू टेबल पर अध्यक्ष की सीट पर बैठी थीं।

रूस के सैन्य अभियान पर किया था आगाह

निर्वाचित अस्थायी सदस्य के रूप में परिषद में भारत के 2021-2022 कार्यकाल के दूसरे साल में करीब दो महीने बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को पूर्वी यूक्रेन में एक 'विशेष सैन्य अभियान' शुरू कर दिया। भारत के तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र दूत टीएस तिरुमूर्ति ने फरवरी में तनाव को तत्काल कम करने के लिए नई दिल्ली के आह्वान को रेखांकित किया और आगाह किया कि ये स्थिति एक बड़े संकट की ओर ले जाएगी।

शांति के पक्ष में बात करता रहा भारत

नई दिल्ली ने इस बात पर जोर दिया कि बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है। संघर्ष को बढ़ाने वाले कार्यों से बचना चाहिए। अगस्त में न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन का कार्यभार संभालने वाली कंबोज ने जोर देकर कहा है कि यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारत ने एक स्वर में कहा था कि हम शांति के पक्ष में हैं।

यूक्रेन संघर्ष यूरोप तक सीमित नहीं रहा

यूक्रेन संघर्ष को लेकर भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इसका प्रभाव केवल यूरोप तक ही सीमित नहीं है। ग्लोबल साउथ विशेष रूप से गंभीर आर्थिक परिणामों का सामना कर रहा है। ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के बारे में बढ़ती चिंताओं के साथ कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई कठिनाइयां भी बढ़ रही हैं। भारत ने 100 से अधिक देशों को COVID-19 टीकों की 24 करोड़ खुराक की आपूर्ति की। भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता और संघर्ष के प्रभाव के कारण सहायता भी प्रदान की।

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