जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने रूसी प्रतिनिधि से की मुलाकात, खाद्यान्न निर्यात समझौता पर चर्चा
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को जिनेवा में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ काला सागर खाद्यान्न निर्यात पहल के बारे में मास्को की शिकायतों पर चर्चा की। साथ ही अबाधित खाद्य और उर्वरक निर्यात की आवश्यकता पर बातचीत की।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 12 Nov 2022 04:35 AM (IST)
जेनेवा, रायटर्स। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को जेनेवा में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ काला सागर खाद्यान्न निर्यात पहल के बारे में मास्को की शिकायतों पर चर्चा की। साथ ही अबाधित खाद्य और उर्वरक निर्यात की आवश्यकता पर बातचीत की। बता दें कि जुलाई में संयुक्त राष्ट्र और तुर्किए द्वारा किए गए सौदे पर फिर से बैठक होने वाली है, उससे आठ दिन पहले यह चर्चा की गई है। समझौते ने यूक्रेन के कई काला सागर बंदरगाहों से खाद्य और उर्वरकों के निर्यात की अनुमति देकर वैश्विक खाद्य संकट को दूर करने में मदद की है।
क्या था मामला?
मास्को ने संकेत दिया है कि अगर उसकी चिंताओं कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो, वह 19 नवंबर को समाप्त होने वाले समझौते से पहले ही बाहर निकल सकता है। क्रीमिया में मास्को के बेड़े पर एक ड्रोन हमले के जवाब में रूस ने पिछले महीने चार दिनों के लिए अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया था, जिसके लिए रूस ने यूक्रेन को दोषी ठहराया था। कीव ने जिम्मेदारी का दावा नहीं किया है और सैन्य उद्देश्यों के लिए अनाज कार्यक्रम के सुरक्षा गलियारे का उपयोग करने से इनकार किया है।
खाद्यान्न निर्यात समझौता पर चर्चा
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ व्यापार अधिकारी रेबेका ग्रिनस्पैन ने जेनेवा में रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई वर्शिनिन से मुलाकात की है। वार्ता के बाद संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि प्रतिभागियों ने जुलाई सौदे पर चर्चा की और इसे जारी रखने पर सकारात्मक बातचीत हुई है।क्या है खाद्यान्न निर्यात समझौता?
जुलाई में रूस, यूक्रेन और तुर्किये के बीच हुए समझौते के बाद रूस ने सागर का एक हिस्सा मालवाही जहाजों के आवागमन के लिए खोल दिया था। लेकिन अब वह फिर से बंद कर दिया गया है। जुलाई में हुआ समझौता 120 दिनों के लिए था और यह 19 नवंबर तक चलना था। इसके आगे भी जारी रहने की उम्मीद थी। लेकिन रूसी नौसेना के बेड़े पर हुए हमले ने स्थिति बदल दी। इस समझौते के कारण अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देते हुए रूसी खाद्यान्न के निर्यात की भी छूट दे दी थी। लेकिन अब रूस को मिली छूट भी खत्म हो सकती है।
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