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अफगानिस्‍तान में हो रहे आतंकी हमलों से चिंतित हुआ अमेरिका

15 अगस्‍त को विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान पूरी तरह अफगानिस्‍तान पर काबिज हो गया। इसके साथ ही देश में आतंकी हमलों का बोलबाला हो गया। इस्‍लामिक स्‍टेट द्वारा हो रहे हमलों से अमेरिका भी चिंति‍त है।

By Monika MinalEdited By: Updated: Tue, 09 Nov 2021 12:15 AM (IST)
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अफगानिस्‍तान में हो रहे आतंकी हमलों से चिंतित हुआ अमेरिका
 वाशिंगटन, रायटर्स। अफगानिस्‍तान में इस्‍लामिक स्‍टेट के आतंकी हमलों को लेकर अमेरिका ( United States) चिंतित है साथ ही वहां मौजूद अल कायदा को लेकर गंभीर भी है। सोमवार को अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि टॉम वेस्‍ट (Tom West) ने यह बात कही। ब्रुसेल्‍स से वेस्‍ट टेलीफोन पर मीडिया से बात कर रहे थे।

पिछले माह इस पद पर नियुक्‍त होने के बाद वेस्‍ट का यह पहला आन द रिकार्ड ब्रीफिंग था जो उन्‍होंने रिपोर्टरों को दिया। कुछ ही दिनों में वेस्‍ट पाकिस्‍तान, भारत और रूस जाने वाले हैं। उन्‍होंने बताया कि तालिबान के साथ दोहा में अगले दौर की वार्ता के लिए अमेरिका तैयारी कर रहा है, लेकिन इसके लिए उन्‍होंने कोई निश्चित तारीख नहीं दी।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा कि अमेरिका अभी तक अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात को वित्तीय सहायता देने के लिए तैयार नहीं है। यह सहायता तब तक नहीं मिलेगी कि जबतक वे समावेशी सरकार, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और किसी भी आतंकवादी संगठन द्वारा अफगान धरती को फिर से इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देने जैसी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करते हैं। तालिबान ने अमेरिका से अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के भंडार पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की। 

बता दें कि 15 अगस्‍त को अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद पहली बार दोहा में पिछले माह अमेरिका और तालिबान आमने-सामने थे। तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ अमेरिकी अधिकारियों ने पहली फेस-टू-फेस मीटिंग की। अमेरिका का कहना है कि अब तालिबान के एक्‍शन को लेकर ही उस पर कोई फैसला लिया जाएगा और उसके शब्‍दों पर जरा भी भरोसा नहीं किया जाएगा। पहली मीटिंग के दौरान तालिबान ने अफगानिस्तान में इस्‍लामिक स्‍टेट को काबू में करने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्‍ता नेड प्राइस ने इस बैठक के बारे में बताया कि मीटिंग में सुरक्षा और आतंकवाद के अलावा अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित रास्‍ता मुहैया कराने पर भी चर्चा हुई। साथ ही विदेशी नागरिकों और अफगान नागरिकों, मानवाधिकार और महिलाओं-लड़कियों की अफगान समाज में सुरक्षित और पूर्ण भागीदारी भी इस मीटिंग के केंद्र बिंदु थे। इसके अलावा बैठक में दोनों पक्षों ने अफगान नागरिकों को मिल रही मानवीय मदद पर भी बात की।