हमारे पास परमाणु बम बनाने की क्षमता है, पर इरादा नहीं, ईरान ने किया दावा
ईरान 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन की क्षमता हासिल कर चुका है। यह 2015 में विश्व शक्तियों के साथ किए गए परमाणु समझौते के तहत ईरान के लिए निर्धारित सीमा से 3.67 प्रतिशत ज्यादा है। 90 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन परमाणु बम के लिए उपयुक्त है।
By Praveen Prasad SinghEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 05:01 PM (IST)
दुबई, एजेंसी : ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मुहम्मद इस्लामी ने सोमवार को कहा कि उनके देश के पास परमाणु बम बनाने की तकनीकी क्षमता है, लेकिन ऐसा कुछ करने का इरादा नहीं है। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के वरिष्ठ सलाहकार कमाल खाराजी ने गत जुलाई में इसी तरह का बयान दिया था। इस्लामी ने कहा, 'जैसा कि खाराजी उल्लेख कर चुके हैं कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने की तकनीकी क्षमता है, लेकिन ऐसा कोई कार्यक्रम एजेंडे में नहीं है।'
बता दें कि ईरान 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन की क्षमता हासिल कर चुका है। यह 2015 में विश्व शक्तियों के साथ किए गए परमाणु समझौते के तहत ईरान के लिए निर्धारित सीमा से 3.67 प्रतिशत ज्यादा है। 90 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन परमाणु बम के लिए उपयुक्त है। ईरान ने यह परमाणु समझौता अमेरिका समेत दुनिया की छह शक्तियों के साथ किया था। 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अपने देश को अलग कर लिया था। अब इस समझौते को पुनर्जीवित करने के प्रयास चल रहे हैं।
बता दें कि जून में यूएस वाचडाग के कैमरों को हटा दिया था कहा था कि उन कैमरों को तब तक दोबारा नहीं लगाया जाएगा जब तक कि 2015 के परमाणु समझौते की बहाली नहीं हो जाती। इरान के परमाणु ऊर्जा संस्थान (Iran's Atomic Energy Organisation) ने तब बताया था कि उन कैमरों को फिर से ऑन नहीं किया जाएगा।
इरान के शीर्ष परमाणु वार्ताकार ने रविवार को कहा कि ईरान ने परमाणु समझौते को बचाने के उद्देश्य से यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक जोसेप बोरेल के प्रस्ताव का जवाब दिया है, और वार्ता के लिए एक त्वरित निष्कर्ष चाहता है। बोरेल ने कहा कि उन्होंने सौदे को पुनर्जीवित करने के लिए एक नया मसौदा प्रस्तावित किया था।
न्यूज एजेंसी रायटर के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, "पिछले हफ्ते संदेशों का आदान-प्रदान करने और प्रस्तावित संदेशों की समीक्षा करने के बाद, निकट भविष्य में हम परमाणु वार्ता के एक नए दौर के समय के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने में सक्षम होंगे।"
तेहरान और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के बीच वियना में 11 महीने की अप्रत्यक्ष वार्ता के बाद मार्च में एक पुनर्जीवित परमाणु सौदे की व्यापक रूपरेखा पर अनिवार्य रूप से सहमति व्यक्त की गई थी। लेकिन कुछ बाधाओं, जिनमें तेहरान की मांग भी शामिल है, को लेकर बातचीत टूट गई। तेहरान का कहना था कि वाशिंगटन को गारंटी देनी चाहिए कि कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति इस सौदे को नहीं छोड़ेगा, जैसे ट्रम्प ने किया था।
बाइडेन यह वादा नहीं कर सकते क्योंकि परमाणु समझौता एक गैर-बाध्यकारी राजनीतिक समझ है, न कि कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि।