Mpox को लेकर WHO ने घोषित की हेल्थ इमरजेंसी, कोविड से रिलेशन पर भी दिया जवाब
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है।WHO ने इस पर रिसर्च की है और ये पता लगाने की कोशिश की है मंकीपॉक्स दरअसल क्या है और क्या इसका कोविड से कोई रिलेशन है। डब्ल्यूएचओ ने कहा इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं जो आमतौर पर हल्के होते हैं लेकिन जान ले सकते हैं।
रॉयटर्स, बर्लिन। दुनिया के कई देशों में एमपॉक्स वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब एमपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ के अधिकारी का बयान सामने आया है। अधिकारियों के अनुसार, यह पुराना स्ट्रेन है, यह कोई कोविड नहीं है। उनका कहना है कि इसके प्रसार को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के अधिकारी हंस क्लूज ने इसको लेकर कहा, "हम मिलकर एमपॉक्स से निपट सकते हैं और हमें मिलकर निपटना चाहिए।'' डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा, हम इसके नियंत्रण के लिए सिस्टम स्थापित करना चुनेंगे। और विश्व स्तर पर एमपॉक्स को कैसे खत्म किया जाए, इस पर चर्चा होनी चाहिए। या हम इससे घबरा जाएंगे, आने वाले समय में हमें इसे लेकर कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए, ये हम पर निर्भर करता है।
कैसे होते हैं लक्षण?
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा, यूरोप और दुनिया के लिए ये एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगी। एमपॉक्स, एक वायरल संक्रमण है, जो मवाद से भरे घावों का कारण बनता है। इसमें फ्लू जैसे लक्षण होते हैं, जो आमतौर पर हल्के होते हैं लेकिन जान ले सकते हैं।एमपॉक्स की क्लैड 1बी किस्म ने वैश्विक स्तर पर तबाही मचा दी है, यह नियमित रूप से अधिक आसानी से फैलता है। पिछले सप्ताह इस वैरिएंट के एक मामले की पुष्टि हुई थी एमपॉक्स का प्रसार स्वीडन और अफ्रीका में ज्यादा है।
हर महीने सामने आए 100 से ज्यादा मामले
क्लूज ने कहा कि इस वक्त हमारा फोकस नए क्लैड 1 स्ट्रेन पर है, यूरोप को कम गंभीर क्लैड 2 पर फिर से ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है। इसको लेकर बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह और निगरानी सहित विविधता पर जोर दिया गया है। बता दें कि क्लूज ने कहा, क्लैड 2 एमपॉक्स स्ट्रेन के यूरोपीय क्षेत्र में हर महीने अब करीब 100 नए मामले सामने आ रहे हैं।
यह भी पढ़ें: भारत में तेजी से बढ़ रहा Mpox का खतरा, एयरपोर्ट और सीमा पर अलर्ट; 10 Points में पढ़ें पूरा मामलायह भी पढ़ें: पाकिस्तान में एमपॉक्स मरीज में नहीं मिला अफ्रीका में कहर बरपाने वाला स्ट्रेन, कांगो में ले चुका है 548 की जान