इंसानों के बाद जानवरों पर IVF का प्रयोग, पहली बार गर्भवती हुई सफेद मादा गैंडा
आईवीएफ ( IVF) तकनीक की मदद से पहली बार सफेद मादा गैंडा गर्भवती हुई है। इस सफल प्रयोग के बाद संरक्षणवादियों को उम्मीद है कि लगभग विलुप्त हो चुकी उत्तरी सफेद गैंडे की उप-प्रजाति को बचाना संभव हो सकेगा। अफ्रीका में लगभग 20000 दक्षिणी सफेद गैंडे रहते हैं। वह और काले गैंडे सींगों के अवैध व्यापार के कारण शिकार बनते हैं।
एपी, नैरोबी। आईवीएफ तकनीक की मदद से पहली बार सफेद मादा गैंडा गर्भवती हुई है। इस सफल प्रयोग के बाद संरक्षणवादियों को उम्मीद है कि लगभग विलुप्त हो चुकी उत्तरी सफेद गैंडे की उप-प्रजाति को बचाना संभव हो सकेगा।
शुक्राणु की मदद बना गैंडे का भ्रूण
एक अन्य उप-प्रजाति के साथ परीक्षण में शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में अंडे और शुक्राणु की मदद से एक दक्षिणी सफेद गैंडे का भ्रूण बनाया। इसे पहले अन्य गैंडों से एकत्र किया गया था और पिछले वर्ष 24 सितंबर को केन्या के ओल-पेजेटा कंजर्वेंसी में एक दक्षिणी सफेद सरोगेट गैंडे में स्थानांतरित किया गया था।
विज्ञानियों और संरक्षणवादियों के बायोरेस्क्यू कंसोर्टियम ने बुधवार को कहा कि सरोगेट अब एक अच्छी तरह से विकसित 6.4 सेंटीमीटर नर भ्रूण के साथ 70 दिनों की गर्भवती है। गैंडों में गर्भावस्था का समय 16-18 महीने का होता है, जिसका अर्थ है कि जन्म अगले साल की शुरुआत में हो सकता है।
अफ्रीका में करीब 20 हजार सफेद गैंडे
अफ्रीका में लगभग 20,000 दक्षिणी सफेद गैंडे रहते हैं। वह और काले गैंडे सींगों के अवैध व्यापार के कारण शिकार बनते हैं। हालांकि वह अब इससे उबर रहे हैं, लेकिन उत्तरी सफेद गैंडे की उप-प्रजाति के दुनिया में केवल दो ज्ञात सदस्य बचे हैं।