Malaria Vaccine: WHO ने दी मलेरिया की दूसरी वैक्सीन को मंजूरी, 2024 के अंत तक इस्तेमाल के लिए हो जाएगी उपलब्ध
डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया की दूसरी वैक्सीन को इस्तेमाल करने की सिफारिश की है। इस वैक्सीन का वर्ष 2024 की शुरुआत में कुछ अफ्रीकी देशों में उपयोग शुरू किया जाएगा। वहीं अन्य देशों में 2024 के मध्य में यह उपलब्ध हो जाएगी। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी दो विशेषज्ञ समूहों की सलाह पर नये मलेरिया टीके को मंजूरी दे रही है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 03 Oct 2023 09:35 AM (IST)
रायटर्स, जिनेवा। Second Malaria Vaccine विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को दूसरी मलेरिया वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश कर दी है। यह मच्छरों द्वारा मानव में फैलने वाली कुछ जानलेवा बीमारियों पर अंकुश लगाने में सहायक होगी। दो वर्ष पहले डब्ल्यूएचओ ने दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन आरटीएस-एस की सिफारिश की थी।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने जिनेवा में कहा कि आज मुझे इसकी घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि मलेरिया रोकने में सहायक आर 21 मैट्रिक्स-एम नामक दूसरी वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश की जा रही है। आर 21 मैट्रिक्स-एम को ब्रिटेन की आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किया गया है। वर्ष 2024 की शुरुआत में कुछ अफ्रीकी देशों में इसका उपयोग शुरू किया जाएगा।अन्य देशों में 2024 के मध्य में यह उपलब्ध हो जाएगी।
टेड्रोस ने कहा कि इसकी एक खुराक की कीमत दो और चार डालर के बीच होगी। इस संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सोमवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया के टीके को मंजूरी दे दी है, जिससे दुनिया के दूसरे ऐसे टीके के वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
वैक्सीन निर्माण के लिए पुणे स्थित एसआइआइ को दिया गया लाइसेंस
नोवावैक्स की सहायक तकनीक का लाभ उठाते हुए आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) द्वारा विकसित मलेरिया वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा उपयोग के लिए अनुशंसित किया गया है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन निर्माण के लिए पुणे स्थित एसआइआइ को लाइसेंस दिया गया है।
कंपनी ने पहले ही प्रति वर्ष 2 करोड़ डोज की उत्पादन क्षमता स्थापित कर ली है, जिसे अगले दो वर्षों में दोगुना कर दिया जाएगा। एसआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि बहुत लंबे समय से मलेरिया ने दुनिया भर में अरबों लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है, जो हमारे बीच सबसे कमजोर लोगों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ की सिफारिश और टीके की मंजूरी मलेरिया से लड़ने में एक बड़ा मील का पत्थर है।