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Bangladesh Protests: कौन हैं नाहिद इस्लाम, जिनकी वजह से बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट?

Who Is Nahid Islam Who Led Protests in Bangladesh बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हो रहा आंदोलन जुलाई के आखिर में सरकार विरोधी उग्र प्रदर्शनों में बदल गया। इसके बाद हालात ये हो गए कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्‍तीफा देने के साथ ही देश छोड़कर भागना पड़ा। कौन है इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा जिनके चलते बांग्‍लादेश में हुआ तख्तापलट?

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 06 Aug 2024 02:00 PM (IST)
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Bangladesh Protests: अपने दोस्‍तों बीच में बैठे छात्र नेता नाहिद इस्‍लमा।
डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। बांग्लादेश में एक महीने तक लगातार आरक्षण और सरकार विरोधी उग्र प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को न सिर्फ सत्‍ता, बल्कि देश छोड़कर भागना पड़ा। बांग्लादेश में हसीना सरकार का तख्तापलट नाहिद इस्लाम नाम के शख्स के नेतृत्‍व में हुए देशव्यापी प्रदर्शनों के चलते हुआ।आखिर कौन है नाहिद इस्लाम, जिनकी वजह से बांग्लादेश में हुआ तख्तापलट?

शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले आंदोलन के लीडर नाहिद इस्लाम एक छात्र नेता हैं। वर्तमान में ढाका विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही नाहिद को मानवाधिकार एक्टिविस्ट के तौर पर भी जाना जाता है। नाहिद इस्लाम छात्र संगठन 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' के को-ऑडिनेटर भी हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंद पड़ चुके आंदोलन नाहिद इस्लाम की एक अपील पर हिंसक हो गया। अंत में मजबूर होकर शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी। इतना ही नहीं, उन्हें अपनी जान बचाने के लिए भी बांग्‍लादेश भी छोड़ना पड़ा। हसीना के इस्‍तीफा देने और देश छोड़ने के बाद नाहिद ने अगले 24 घंटे में एक अंतरिम सरकार गठन करने की अपील की।

आरक्षण विरोधी प्रदर्शन क्यों बन गया हसीना विरोधी?

हसीना सरकार ने साल 2018 में अलग-अलग समुदाय को मिलने वाला 56% आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इसी साल जून में ढाका हाई कोर्ट ने इस फैसले का पलट दिया। इसके बाद  56% आरक्षण फिर से बरकरार हो गया, जिसे लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। नाहिद इस्लाम व उसके साथी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। प्रदर्शन में 150 लोगों की मौत हो गई।

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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया। आरक्षण की सीमा  56%  घटाकर 7%  कर दी। इसके बाद आरक्षण विरोधी प्रदर्शन धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था।  तभी डिटेक्टिव ब्रांच के अधिकारियों ने आरक्षण विरोधी प्रदर्शन को लीड करने वाले नाहिद इस्लाम समेत छह लोगों को हिरासत में ले लिया। उस वक्त नाहिद, उनके साथ आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार घायल थे और हॉस्पिटल में इलाज करा रहे थे।

नाहिद ने लगाए ये आरोप

नाहिद ने आरोप लगाया कि 19 जुलाई को पुलिस ने उन्‍हें और उनके साथियों को अस्‍पताल से उठाया, पीटा और आंदोलन वापस लेने के लिए जबरदस्ती वीडियो बनवाया।

नाहिद ने दावा किया कि पुलिस ने उन्‍हें तब तक पीटा, जब तक वह बेहोश न हो गए। नाहिद इस्लाम को गायब होने के 24 घंटे बाद एक पुल के नीचे बेहोशी की हालत में पाया गया था। हालांकि, पुलिस ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।

नाहिद ने दावा किया कि वह और उनके साथी जब पुलिस कैद में थे, तब गृहमंत्री असदुज्जमां कमाल ने ये दावा किया था कि इन लोगों ने स्‍वेच्‍छा से आंदोलन खत्म करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने आंदोलन के दौरान हुई मौतों के लिए हसीना सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

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इसके बाद जब नाहिद इस्लाम और उनके दोनों साथी - आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार पुलिस हिरासत से बाहर आए तो पूरी घटना का खुलासा हुआ। इस खुलासे के बाद से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया।

इसके बाद उन्होंने आंदोलन और तेज कर दिया। आंदोलन के तेज होने के परिणामस्वरूप जिसका शेख हसीना को अपना पद छोड़ने के साथ-साथ देश भी छोड़ना पड़ गया। अब देश की कमान सेना के हाथों में हैं। अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज है, जिसमें इन तीनों छात्र नेताओं की भी अहम भूमिका है।

नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार ने आज एक वीडियो जारी कर एलान किया है कि अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री नोबेल विजेता अर्थशास्त्री डॉ. मोहम्मद यूनुस होंगे।

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