US F-16: सुखियों में क्यों आया अमेरिका का महाविनाशक जेट विमान F-16, इससे क्यों बढ़ी भारत की चिंता, चीन को लगी मिर्ची
Pakistan and America F-16 बाइडन प्रशासन ने एफ-16 लड़ाकू जेट बेड़े के रखरखाव के लिए पाकिस्तान को 450 मिलियन अमेरिकी डालर की सहायता की मंजूरी दी है। इस रक्षा सौदे के चलते यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच निकटता बढ़ रही है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 01:39 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया का सबसे खतरनाक युद्धक विमान एफ-16 इन दिनों सुर्खियों में है। इसके साथ एक बार फिर पाकिस्तान और अमेरिकी संबंधों पर दुनिया की निगाहें टिकी है। भारत की इससे चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है। एफ-16 के साथ अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध क्यों चर्चा में है। इस चर्चा से चीन और रूस की चिंताएं क्यों बढ़ी है।
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष पंत का कहना है कि दरअसल, हाल के वर्षों में तालिबान, आतंकवाद और चीन और पाकिस्तान के प्रेम से इस्लामाबाद और वाशिंगटन के बीच रिश्तों में तल्खी आ गई थी। हालांकि, वाशिंगटन और इस्लामाबाद के इस रक्षा सौदे को दोनों देशों के बीच निकटता के रूप में देखा जा सकता है। बाइडन प्रशासन ने एफ-16 लड़ाकू जेट बेड़े के रखरखाव के लिए पाकिस्तान को 450 मिलियन अमेरिकी डालर की सहायता की मंजूरी दी है। इस रक्षा सौदे के चलते यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच निकटता बढ़ रही है।
2- प्रो पंत का कहना है कि बाइडन प्रशासन की विदेश नीति का एजेंडा अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप से भिन्न है। यह संकेत उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ही दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की मान्यता रही है कि तनावग्रस्त देशों के साथ भी व्यापारिक रिश्तों पर असर नहीं पड़ना चाहिए। वह व्यापारिक रिश्तों को अलग रखने में विश्वास करते हैं। बाइडन ने ईरान और चीन के साथ इस तरह के रिश्तों की बात चुनाव के दौरान कही थी।
3- उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बाइडन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट के लिए उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी है। बाइडन प्रशासन की ओर से पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपट सकें। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है। माना जाता है कि F-16 फाइटर जेट की मदद से ही पाकिस्तान ने भारत के मिग-21 विमान को मार गिराया था।
4- प्रो पंत का कहना है कि अलकायदा सरगना अल जवाहिरी की हत्या के बाद यह चर्चा जोरों पर थी कि पाकिस्तान ने इस अभियान में अमेरिका की मदद की थी। उन्होंने कहा कि जवाहिरी पर हमले में मदद करने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को यह पुरस्कार दिया है। उन्होंने कहा कि जवाहिरी की हत्या में पाकिस्तान ने अमेरिका को अपनी हवाई पट्टी में अमेरिकी ड्रोन के प्रवेश की अनुमति दी थी। इसके बाद ही अमेरिका अपने इस अभियान में सफल रहा था। पाकिस्तान के इस मदद पर अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत ने अपनी सख्त प्रतिक्रिया भी दी थी और चेतावनी भी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय का क्या है तर्क 1- पाकिस्तान के साथ इस रक्षा सौदे के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान का F-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है। इससे पाकिस्तान की वायु सेना के F-16 कार्यक्रम को बनाए रखा जा सके। F-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा। हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री को मंजूरी देने का फैसला लिया है ताकि पाकिस्तानी वायु सेना को वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिल सके। पाकिस्तान, अमेरिका का महत्वपूर्ण आतंकवाद रोधी सहयोगी है।
2- गौरतलब है कि वर्ष 2018 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को सभी रक्षा और सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी थी। इसमें अमेरिकी युद्धक विमान एफ-16 भी शामिल था। रक्षा सहायता को रोकने की घोषणा करने के बाद पाकिस्तान को दी गई यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी संगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब दो अरब डालर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी।
क्या है भारत की चिंता भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव को देखते हुए यह खबर देश को चिंता में डाल सकती है। हालांकि, अमेरिका का दावा रहा है कि पाकिस्तान इस विमान का इस्तेमाल युद्ध के दौरान नहीं कर सकता है, वह आतंकवाद रोधी अभियानों के खिलाफ ही इसका प्रयोग कर सकता है। पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद जब भारत ने आतंकवादी कैंपों पर हमला किया था उस समय माना जाता है कि F-16 फाइटर जेट की मदद से ही पाकिस्तान ने भारत के मिग-21 विमान को मार गिराया था। ऐसे में यह आशंका प्रबल हो जाती है कि एफ-16 विमानों का उपयोग वह भारत के खिलाफ कर सकता है। हालांकि, भारत ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।