Jaishankar in Australia: भारत के लिए क्यों खास है आस्ट्रेलिया? जयशंकर की कैनबरा यात्रा के क्या हैं मायने
EAM Jaishankar in Australia भारत-आस्ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध है। हाल के वर्षों में खासकर क्वाड के गठन के बाद दोनों देशों के संबंधों में बड़ा बदलाव आया है। क्वाड के गठन के बाद भारत और आस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंधों में घनिष्ठता आई है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 10 Oct 2022 11:10 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। EAM Jaishankar in Australia: हिंद प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के बाद से भारत और आस्ट्रेलिया एक दूसरे के निकट आए हैं। खासकर क्वाड के गठन के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में प्रगाढ़ता आई है। पिछले वर्ष भारतीय नौसेना के युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया नौसेना की शिरकत ने यह सिद्ध कर दिया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ रणनीतिक रूप से साझेदारी विकसित हुई हैं। हालांकि, हिंद प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की निकटता को चीन एक चुनौती के रूप में लेता है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि क्वाड QUAD के गठन के बाद दोनों देशों के बीच कैसे प्रगाढ़ता आई है। आस्ट्रेलिया और भारत के बीच व्यापार कितना बढ़ा है। रणनीतिक रूप से आस्ट्रेलिया और भारत क्यों निकट आए हैं। इसके पीछे क्या बड़े कारण है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि क्वाड को लेकर चीन की क्या चिंता है। इन सब मामलों में विशेषज्ञों की क्या राय है।
आठ महीने में दो बार आस्ट्रेलिया गए विदेश मंत्री एस जयशंकर 1- दुनिया में तेजी से बदल रहे रणनीतिक समीकरण ने भारत और आस्ट्रेलिया की साझेदारी काफी अहम हो गई है। भारत, आस्ट्रेलिया के अपने द्विपक्षीय संबंधों को काफी अहमियत देता है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भारतीय विदेश मंत्री (S Jaishankar) आठ महीने में दो बार आस्ट्रेलिया की यात्रा पर जा चुके है। विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि यह यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल के दिनों में वैश्विक परिद्श्य में बड़ा बदलाव आया है।
2- रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में रणनीतिक संबंधों में बड़ा फेरबदल हुआ है। रूस-यूक्रेन जंग में भारत की तटस्थता की नीति का अमेरिका व पश्चिमी देशों ने विरोध किया है। इधर, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक नई जुगलबंदी चल रही है। भारत-चीन सीमा पर विवाद गहराया है। ऐसे में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच संबंध काफी अहम है। प्रो पंत ने कहा कि हाल ही में QUAD समूह के देशों भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक आस्ट्रेलिया के मेलबर्न में संपन्न हुई थी। दोनों देशों द्वारा महसूस किया गया कि गठबंधन ने क्वाड के सभी सदस्यों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
क्वाड के बाद प्रगाढ़ हुए द्विपक्षीय संबंध (India-Australia relations) 1- भारत-आस्ट्रेलिया के बीच प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंध है। हाल के वर्षों में खासकर क्वाड के गठन के बाद दोनों देशों के संबंधों में बड़ा बदलाव आया है। विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि क्वाड के गठन के बाद भारत और आस्ट्रेलिया के द्विपक्षीय संबंधों में घनिष्ठता आई है। इसके साथ दोनों देश के रिश्ते रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया, भारत का 17वां बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इसी तरह से भारत, आस्ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
2- प्रो पंत ने कहा कि क्वाड के गठन के बाद दोनों देश एक दूसरे के समीप आए हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2019 तथा 2021 के मध्य आस्ट्रेलिया में भारत का निर्यात 135 फीसद बढ़ा है। वर्ष 2021 में आस्ट्रेलिया से भारत द्वारा किया गया माल का आयात 6.9 बिलियन डालर था। इस वर्ष आस्ट्रेलिया से भारत द्वारा किया गया माल का आयात 15.1 बिलियन डालर का था। इसके तहत बड़े पैमाने पर कच्चा माल, खनिज और अन्य वस्तुएं शामिल हैं। वर्ष 2020-21 में भारत-आस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12.5 बिलियन अमेरिकी डालर था और 2021-22 के पहले 10 महीनों में 17.7 बिलियन अमेरिकी डालर को पार कर चुका है। भारत ने वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में आस्ट्रेलिया से लगभग 12.1 बिलियन अमेरिकी डालर का आयात किया है और इस दौरान 5.6 बिलियन अमेरिकी डालर का माल निर्यात किया है।
क्वाड को लेकर चीन ने बांग्लादेश को चेताया 1- अमेरिका के नेतृत्व वाले क्वाड के गठन के बाद चीन ने बांग्लादेश को इस गठबंधन में शामिल होने के खिलाफ आगाह किया था। चीन ने कहा था कि यह चीन विरोधी क्लब है। चीन ने जोर देकर कहा था कि बांग्लादेश की क्वाड में भागीदारी का प्रभाव बीजिंग और ढाक के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। चीन के विदेश मंत्रालय ने क्वाड के गठन के बाद कहा था कि यह एक अलग गुट बनाने की अमेरिका की रणनीति है। इसका मकसद चीन को एक चुनौती के रूप में पेश करना है। इसके अलावा चीन के पड़ोसी देशों और बीजिंग के बीच कलह पैदा करना है। चीन इस गुट का विरोध करता है।
2- उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर और पूर्व सागर में चीन की आक्रामकता को देखते हुए जापान समेत कई आसियान देश प्रभावित हुए हैं। इस क्षेत्र में चीन अपना दावा पेश करता रहा है। इसको देखते हुए जापान, भारत, आस्ट्रेलिया और अमेरिका का यह गठबंधन काफी अहम हो जाता है। क्वाड गठबंधन इस बात का पक्षधर रहा है कि समुद्री क्षेत्र में एक नियम आधारित व्यवस्था होनी चाहिए।
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