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Modi Moscow Visit: पीएम मोदी के लिए क्यों जरूरी है मॉस्को यात्रा? विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया रूस से भारत की दोस्ती के मायने

PM मोदी 8-9 जुलाई को 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मास्को की यात्रा करेंगे। यह यात्रा इसलिए उल्लेखनीय है क्योंकि फरवरी2022में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली रूस यात्रा है।इस यात्रा को विदेश मंत्री एस जयशंक ने दोनों देश के लिए महत्वपूर्ण बताया है।साथ ही पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन का एक साथ एक मंच पर होना दोनों देश के लिए एक बेहतरीन अवसर होगा।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 07 Jul 2024 08:41 PM (IST)
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भारत-रूस शिखर सम्मेलन को विदेश मंत्री ने देश के लिए बताया महत्वपूर्ण (फाइल फोटो)

एएनआई, अस्ताना [कजाकिस्तान]। India-Russia Annual Bilateral Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar)  ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के लिए मास्को यात्रा के दौरान व्यापार पर सीधी बातचीत करने का यह एक बेहतरीन अवसर है। व्यापार असंतुलन के मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि नेतृत्व के स्तर पर यह एक बेहतरीन अवसर होगा।

विदेश मंत्री ने कहा, "व्यापार असंतुलन जैसे मुद्दे हैं...इसलिए नेतृत्व के स्तर पर यह प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक-दूसरे से बैठकर सीधे बात करने का एक बेहतरीन अवसर होगा। आगे उन्होंने कहा कि फिर जाहिर है, उनके निर्देशों के अनुसार हम देखेंगे कि रिश्ते को कैसे आगे बढ़ाया जाए।"

'दोनों देश का बहुत मजबूत और बहुत स्थिर इतिहास'

भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन को एक 'अच्छी परंपरा' बताते हुए जयशंकर ने कहा कि हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलनों में कुछ कमी आई है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "अब, यह एक परंपरा है। यह एक अच्छी परंपरा है। हम दो देश हैं जिनका एक साथ काम करने का बहुत मजबूत और बहुत स्थिर इतिहास है। इसलिए हम दोनों ही वार्षिक शिखर सम्मेलन की आवश्यकता को बहुत महत्व देते हैं।"

अपनी पिछली रूस यात्रा को विदेश मंत्री ने किया याद

जयशंकर ने वर्ष के अंत में अपनी पिछली रूस यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा, "पिछले वर्ष भी मैं वर्ष के अंत में मास्को गया था और उस समय मैं प्रधानमंत्री का संदेश लेकर गया था कि हम वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इसे जल्द ही आयोजित करेंगे।"

'रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंध काफी बढ़े'

विदेश मंत्री ने कहा कि वार्षिक शिखर सम्मेलन एक नियमित आयोजन है और यह भारत-रूस संबंधों का जायजा लेने का एक तरीका है। मंत्री ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जो होने का इंतजार कर रहा था। यह एक नियमित घटना है। यह किसी भी रिश्ते का जायजा लेने का एक तरीका है। उन्होंने आगे कहा, "आप दुनिया की स्थिति को देखते हैं, कुध ऐसी चीजें हैं जिन्हें आप और अधिक करना चाहते हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें आप अलग तरीके से करना चाहते हैं। वास्तव में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंध काफी बढ़ गए हैं।"

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