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Rafale Vs Hornet: क्‍यों सुर्खियों में है अमेर‍िकी फाइटर F-18 सुपर हार्नेट, जानें क्‍यों हो राफेल से हो रही है तुलना

Rafale Vs US Hornet aircraft अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हार्नेट लड़ाकू विमान का आफर किया है। यह विमान वर्तमान में अमेरिकी नौसेना के कई एयरक्राफ्ट कैरियरों से आपरेट किया जाता है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 10:52 PM (IST)
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Rafale Vs US Hornet aircraft: भारत में क्‍यों सुर्खियों में है अमेर‍िकी फाइटर F-18 सुपर हार्नेट। एजेंसी।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। Rafale vs F/A-18 Super Hornet: इन दिनों फ्रांस के एयरक्राफ्ट राफेल और अमेरिका के एफ-18 सुपर हार्नेट विमान सुखियों में हैं। दोनों में कौन श्रेष्‍ठ है, इसकी तुलना की जा रही है। हालांकि फ्रांसीसी राफेल पहले से ही भारत का भरोसा जीत चुका है। अब बारी अमेरिकी विमान सुपर हार्नेट को उस पर अपनी श्रेष्‍ठता कायम करनी है। दरअसल, भारतीय नौसेना को स्‍वदेशी विमानवाहक पोल आईएनएस विक्रांत मिल चुका है। अब उस पर लड़ाकू विमानों की तैनाती की बारी है। ऐसे में फ्रांस और अमेरिका के हार्नेट के बीच कड़ी टक्‍कर चल रही है। आइए जानते हैं दोनों की खूबियां। यह भी जानेंगे इन दोनों की रेस में किसका पलड़ा भारी पड़ रहा है।

राफेल बनाम एफ/ए-18 सुपर हार्नेट Rafale vs F/A-18 Super Hornet

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हार्नेट लड़ाकू विमान का आफर किया है। यह विमान वर्तमान में अमेरिकी नौसेना के कई एयरक्राफ्ट कैरियरों से आपरेट किया जाता है। आईएनएस विक्रांत आधिकारित तौर पर दो सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा है। वहीं, राफेल एम बनाने वाली दसाल्ट एविएशन का तर्क है कि भारत पहले से ही राफेल लड़ाकू विमान को आपरेट कर रहा है। ऐसे में राफेल एम के खरीद से भारत को काफी सहूलियत मिल सकती है। हालांकि, भारतीय नौसेना ने अभी तक किसी भी लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर अपना रूख साफ नहीं किया है।

सुपर हार्नेट की खूबियां Features of Super Hornet

1- सुपर हॉर्नेट ने पहली बार 1995 में उड़ान भरी थी। मैकडानेल डगलस के डिजाइन किए गए और शुरू में बनाए सुपर हार्नेट ने पहली बार 1995 में उड़ान भरी थी। एफ/ए-18 सुपर हार्नेट ट्विन इंजन, कैरियर बेस्ड, मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसके दो वेरिएंट बोइंग एफ/ए-18ई और एफ/ए-18एफ सुपर हार्नेट वर्तमान में अमेरिकी नौसेना में शामिल हैं। F/A-18E सिंगल-सीट और F/A-18F डबल सीट वेरिएंट का लड़ाकू विमान है।

2- सुपर हार्नेट में एक इंटरनल 20 एमएम की एम61 रोटरी कैनन लगा हुआ है, जो एक मिनट में हजारों राउंड फायर कर सकता है। यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और हवा से सतह पर मार करने वाले हथियारों को ले जा सकता है। इतना ही नहीं, एफ/ए-18 सुपर हार्नेट में फ्यूल के पांच ड्राप टैंक भी लगाए जा सकते हैं। इसे हवा से हवा में ईंधन भरने वाली प्रणाली को जोड़कर एयर टैंकर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

3- एफ/ए-18 सुपर हार्नेट की गति 1915 किमी प्रति घंटा है। यह 3330 किमी की रेंज में आपरेट किया जा सकता है। 2012 में इसकी एक यूनिट की कीमत 66,900,000 से 66,900,000 डालर बताया गया था। इस विमान में जनरल इलेक्ट्रिक का एफ 414 इंजन लगा हुआ है। अभी तक इस विमान के 608 यूनिट से अधिक का निर्माण किया जा चुका है।

4- यह विमान अमेरिकी नौसेना, आस्ट्रेलियाई नौसेना और कुवैत वायु सेना में शामिल हैं। सुपर हार्नेट मोटे तौर पर अपने पुराने वेरिएंट से लगभग 20 फीसद बड़ा है। इस लड़ाकू विमान का वजन 3,200 किलोग्राम है। सुपर हार्नेट 33 फीसद अतिरिक्त आंतरिक ईंधन के साथ उड़ान भर सकता है। इससे इसके मिशन रेंज में 41 फीसद की बढ़ोत्तरी हो सकती है। सुपर हार्नेट का खाली वजन एफ-14 टामकैट से लगभग 5,000 किग्रा कम है। 

राफेल फाइटर जेट की खूबियां

1- फ्रांस का राफेल पहले से भारतीय वायु सेना में शामिल है। इस विमान को भारत की रक्षा जरूरतों के हिसाब से ढाला गया है। राफेल विमान अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। यह विमान अपने साथ 24,500 किलो तक का वजन ले जा सकता है। यह 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है। इसकी स्पीड 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा है। मिटिआर मिसाइलों से लैस राफेल विमान 120 किमी की दूरी से एफ-16 जैसे विमान को मार गिरा सकता है। यह विमान अपने साथ चार मिसाइलों को एक साथ ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट है।

2- राफेल एक ऐसा लड़ाकू विमान है जिसे कम से कम सात तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसकी फ्यूल क्षमता 17 हजार किग्रा है। राफेल जेट हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है, इसलिए इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है। इसमें स्काल्प मिसाइल है जो हवा से जमीन पर 600 किमी तक वार करने में सक्षम है।

3- भारत में राफेल बियांड विजुअल रेंज मिसाइल्‍स से लैस है, यानी बिना टारगेट प्‍लेन को देखते ही उसे उड़ाया जा सकता है। राफेल में ऐक्टिव रडार सीकर लगा है, जिससे किसी भी मौसम में जेट आपरेट करने की सुविधा मिलती है। स्कैल्प मिसाइल या स्ट्राम शैडो जैसी मिसाइलें किसी भी बंकर को आसानी से तबाह कर सकती है।