Ukraine Aid and US: अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में ट्रंप के इस मांग से क्यों बेचैन हुआ यूक्रेन, जानें पूरा मामला
Ukraine Aid and US अगर कांग्रेस में रिपब्लिकन का वर्चस्व होता है तो क्या बाइडन प्रशासन यूक्रेन को खूलकर मदद नहीं कर सकेगा। क्या अमेरिका मदद से पीछे हट जाएगा। यह सवाल तब और अहम हो जाता है जब अमेरिका में एक बड़ी मंदी का अंदेशा है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 12 Nov 2022 11:26 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। अमेरिका मध्यावधि चुनाव में यूक्रेन जंग के दौरान दी जा रही अमेरिकी मदद एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका फर्स्ट नीति को हवा देकर इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट नीति के पक्ष में कई रिपब्लिकन एकजुट हो रहे हैं। ट्रंप ने अमेरिका में मंदी का हवाला देते हुए इसे बड़ा सियासी मुद्दा बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कांग्रेस में रिपब्लिकन का वर्चस्व होता है तो क्या बाइडन प्रशासन यूक्रेन को खूलकर मदद नहीं कर सकेगा। अगर रूस यूक्रेन जंग लंबी चली तो क्या अमेरिका मदद से पीछे हट जाएगा। यह सवाल तब और अहम हो जाता है जब अमेरिका में एक बड़ी मंदी का अंदेशा जताया जा रहा है।
यूक्रेन जंग में अमेरिकी मदद को लेकर बड़ी सियासत
1- फरवरी में यूक्रेन जंग के बाद बाइडन प्रशासन ने यूक्रेन की सहायता में अमेरिका का खजाना खोल दिया है। अमेरिकी कांग्रेस ने अब तक 12.3 बिलियन अमेरिकी डालर की सहायता को मंजूरी दी है। इसमें मानवीय सहायता के साथ सैन्य उपकरण भी शामिल है। अमेरिकी कांग्रेस ने यूक्रेनी सेना की सहायता के साथ वहां की सरकार और नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं एवं सेवाओं के लिए धन मुहैया कराया है।
अमेरिका के मध्यावधि चुनाव में यूक्रेन एक बड़ा मुद्दा बना है। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी है कि क्या यूक्रेन जंग में अमेरिका को पानी की तरह पैसा बहाना चाहिए। कई रिपब्लिकन नेता बाइडन प्रशासन की इस नीति के खिलाफ हैं।
2- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि यदि कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत होता है तो बाइडन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी जा रही मदद में बड़ा रोरा अटक सकता है। बाइडन प्रशासन के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। रिपब्लिकन पार्टी के अधिकांश नेता इस मदद के खिलाफ जा सकते हैं। इसलिए अमेरिका मध्यावधि चुनाव के नतीजे यूक्रेन जंग को प्रभावित कर सकते हैं। प्रो पंत ने कहा कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन को सहयोग करना सीमित कर दिया तो यह यूक्रेन पर इसका विपरीत असर पड़ेगा।
3- अर्कांसस के सीनेटर टाम काटन और फ्लोरिडा के रिक स्काट सहित अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने यूक्रेन की मदद के लिए पार्टी का समर्थन दृढ़ किया है। स्काट ने कहा है कि हम यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे। यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए रूसी सेना के साथ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की जंग दुनिया में स्वतंत्रता की सबसे बड़ी लड़ाई है। प्रो पंत ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि कांग्रेस में किस तरह के लोग जीत कर आते हैं। प्रो पंत ने कहा कि अभी तक कांग्रेस में यूक्रेन की मदद में दोनों प्रमुख दलों के सदस्य सामने आए हैं।
4- उधर, रिपब्लिकन पार्टी में राष्ट्रपति पद के दावेदार व पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में जबरदस्त मंदी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मंदी के दौर में यूक्रेन की और मदद नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि रिकार्ड उच्च मुद्रा स्फीति के समय अमेरिका यूक्रेन को अरबों डालर देने का जोखिम नहीं उठा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट नीति का अनुसरण करने वाले नेताओं का कहना है कि अब एक और पैसा यूक्रेन नहीं जाएगा। ओहिया में सीनेट की दौड़ में जीती रिपब्लिकन जेडी वेंस ने भी बाइडन प्रशासन की इस नीति की निंदा की है।
5- प्रो पंत ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन जंग को एक चुनावी मुद्दा बना दिया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मध्यावधि चुनाव का ही नहीं, बल्कि राष्ट्रपति चुनाव का भी बड़ा मुद्दा बन सकता है। अमेरिका फर्स्ट की नीति को लेकर ट्रंप आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी के कुछ नेता यूक्रेन मदद के मामले में उनके फर्स्ट नीति का अनुसरण नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगर अमेरिका में मंदी का दौर लंबा चला तो बाइडन प्रशासन के समक्ष बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।