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Why Boris Johnson Resigned: 36 महीनों में आखिर सत्‍ता से क्‍यों बेदखल हुए बोरिस जानसन? जानें- इसके बड़े कारण

ऐसे में सवाल उठता है कि इन 36 महीनों में ऐसा क्‍या हुआ जिससे जानसन को इस्‍तीफा देना पड़ा। आइए जानते हैं कि उनके तीन वर्ष के पीएम कार्यकाल में आखिर ऐसा क्‍या हुआ जिससे बोरिस जानसन की खास को धक्‍का लगा।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sun, 10 Jul 2022 08:11 PM (IST)
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36 महीनों में सत्‍ता से आखिर क्‍यों बेदखल हुए बोरिस जानसन। एजेंसी।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। Why Baris Johnson Resign:  ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है। प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को प्रधानमंत्री पद से इस्‍तीफा देना पड़ा। महज तीन वर्ष पूर्व बोरिस जानसन कंजर्वेटिव पार्टी की सबसे बड़ी चुनावी जीत के बाद सत्‍ता में आए थे। सत्‍ता में आने के बाद ब्रिटेन को और कंजर्वेटिव पार्टी को जानसन से काफी उम्‍मीदें थी। वर्ष 1987 के बाद कंजर्वेटिव पार्टी की यह सबसे बड़ी जीत थी। ऐसे में सवाल उठता है कि इन 36 महीनों में ऐसा क्‍या हुआ, जिससे जानसन को इस्‍तीफा देना पड़ा। आइए जानते हैं कि उनके तीन वर्ष के पीएम कार्यकाल में आखिर ऐसा क्‍या हुआ जिससे बोरिस जानसन की साख को बड़ा धक्‍का लगा। अतंत: उनको पद से त्‍याग पत्र देना पड़ा।

1- क्रिस पिंचर विवाद

क्रिस पिंचर फैक्‍टर जानसन पर भारी पड़ा। दरअसल, डिप्‍टी चीफ व्हिप सासंद क्रिस पिंचर की नियुक्ति को लेकर पार्टी के अंदर काफी नाराजगी थी। जानसन मंत्रिमंडल के अंदर भी लोग इस फैसले से खफा थे। 29 जून की एक घटना ने आग में घी का काम किया। इस दिन पिंचर लंदन में एक निजी क्‍लब में गए थे। उन्‍होंने अधिक मात्रा में शराब पी थी। उन पर दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छूने का आरोप लगा। इसके बाद पिंचर पर आरोपो की झड़ी लग गई। इसकी आंच प्रधानमंत्री जानसन तक पहुंच गई। जब तक जानसन इस पर अफसोस जाहिर करते बात बहुत बिगड़ गई थी। जानसन मंत्रिमंडल के आधा दर्जन मंत्रियों ने इस्‍तीफा दे दिया। इसके बाद सिलसिलेवार कई चीजें ऐसी हुईं कि बात प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के इस्तीफे तक पहुंच गई। सबसे पहले ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री जानसन को फरवरी में डिप्टी चीफ व्हिप के रूप में नियुक्त करने से पहले पिंचर पर लगे आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मंत्रियों ने भी यही बात दोहराई, जबकि ये बात बाद में गलत निकली। हालांकि, बाद में पीएम जानसन ने स्वीकार किया कि उन्हें 2019 में इसके बारे में बताया गया था, और पिंचर को डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त करने के लिए उन्होंने माफी मांगी, लेकिन तब तक खेल बिगड़ चुका था। राजनीतिक हवा जानसन के खिलाफ हो चुकी थी।

2- ओवेन पैटर्सन मामला में जानसन की चूक

सांसद ओवेन पैटर्सन का पक्ष लेने से जानसन की छवि को धक्‍का लगा था। दरअसल, वर्ष 2021 में ब्रिटेन के हाउस आफ कामन्‍स कमेटी ने कंजर्वेटिव सांसद ओवेन पैटर्सन को 30 दिनों के लिए निलंबित करने की सिफारिश की थी। समिति ने कहा था कि पैटर्सन ने लाबिंग के नियमों को तोड़ा है। समिति का आरोप था कि ऐसा करके पैटर्सन ने उन कंपनियों को लाभ पहुंचाया, जिन्‍होंने उन्‍हें भुगतान किया था। हालांकि, पीएम जानसन के नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी ने उन्हें निलंबन को रोकने के पक्ष में मतदान किया और जांच कैसे की गई ये देखने के लिए एक नई समिति बनी दी। लेकिन यह विवाद यहीं नहीं थमा, काफी हंगामे के बाद पैटर्सन को इस्‍तीफा देना पड़ा। इसके बाद में जानसन ने माना कि उन्होंने इस मामले को संभालने में भारी चूक कर दी।

3- लाकडाउन के दौरान जानसन की साख को आई आंच

वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान अपने जन्मदिन पर एक सभा में भाग लेने के लिए इस साल अप्रैल में पीएम जानसन पर लाकडाउन नियमों के उल्‍लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। इसके पूर्व कोरोना महामारी के दौरान देश में लाकडाउन के समय डाउनिंग स्ट्रीट गार्डन में एक शराब पार्टी में जाने के लिए भी उन्होंने माफी मांगी थी। ब्रिटेन पुलिस ने डाउनिंग स्ट्रीट और व्हाइटहाल में लाकडाउन नियमों के तोड़ने को लेकर कई लोगों पर जुर्माना लगाया था। उस दौराना एक महिला अधिकारी ने कहा था कि लाकडाउन में केंद्रीय नेतृत्‍व ने नियमों को तोड़ा था। दिसंबर, 2021 में जानसन ने संसद को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया था। अब संसदीय समिति इस बात की जांच कर रही है कि क्या उन्होंने जानबूझकर संसद को गुमराह किया था।