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Ukraine War: खतरनाक मोड़ पर पहुंचा युक्रेन युद्ध, क्‍या सच में रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन देंगे परमाणु हमले का आदेश? एक्‍सपर्ट व्‍यू

Nuclear Attack in Ukraine War युक्रेन युद्ध में अपनी सेना को पीछे करने के बाद पुतिन ने अपनी रणनीति क्‍यों बदलाव किया है। पुतिन का आंशिक सैन्‍य लामबंदी क्‍या है। क्‍या यूक्रेन जंग एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। क्‍या पुतिन इस युद्ध में परमाणु हमला कर सकते हैं

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 04:38 PM (IST)
Ukraine War: खतरनाक मोड़ पर पहुंचा युक्रेन युद्ध, क्‍या सच में रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन देंगे परमाणु हमले का आदेश? एक्‍सपर्ट व्‍यू
Nuclear Attack in Ukraine War: खतरनाक मोड़ पर पहुंचा युक्रेन जंग। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Nuclear Attack in Ukraine War: रूस और युक्रेन युद्ध अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। इस जंग को लेकर रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन आक्रामक हो चुके हैं। राष्‍ट्रपति पुतिन ने जंग के बीच आंशिक सैन्‍य लामबंदी का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही उन्‍होंने पश्चिमी देशों और अमेरिका को सख्‍त चेतावनी दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि युद्ध में अपनी सेना को पीछे करने के बाद आखिर पुतिन ने अपनी रणनीति में क्‍यों बदलाव किया है। पुतिन का आंशिक सैन्‍य लामबंदी क्‍या है। क्‍या युक्रेन जंग एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। क्‍या पुतिन इस युद्ध में परमाणु हमला कर सकते हैं। उन्‍होंने पश्चिमी देशों को क्‍यों आगाह किया। इसके क्‍या निह‍ितार्थ हैं। इस पर क्‍या है विशेषज्ञों की राय।

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1- दरअसल इस जंग में जिन जवानों की तैनाती की बात कर रहे हैं वह रिजर्विस्ट व्‍यक्ति होता है। यह ऐसा व्यक्ति होता है जो ‘मिलिट्री रिजर्व फोर्स’ का सदस्य होता है। वह आम नागरिक होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। हालांकि, शांतिकाल में यह सेना में सेवाएं नहीं देता है। विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत ने कहा कि रूस युक्रेन जंग में रूसी सैनिकों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। पुतिन का यह फैसला दर्शाता है कि इस जंग में जवानों की कमी महसूस हो रही है। प्रो पंत ने कहा कि पुतिन इसका संकेत काफी पहले से कर चुके हैं।

2- प्रो पंत ने कहा कि पुतिन यह संकेत दे रहे हैं कि यह जंग अब और आगे तक जाएगी। इस युद्ध का विराम निकट में संभव नहीं है। उन्‍होंने कहा कि अगर यह जंग लंगी चली तो परमाणु हमले का खतरा हो सकता है। रूस किसी भी हाल में हार मानने को तैयार नहीं होगा और जब देश में सैनिकों की कमी होगी तो पुतिन एटमी हथियारों के इस्‍तेमाल की इजाजत दे सकते हैं। पुतिन ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए कहा कि न्यूक्लियर अटैक की चेतावनी को हल्के में न लिया जाए। उन्होंने कहा एटमी चेतावनी कोई ड्रामा नहीं है। रूस पर खतरा नजर आया तो एटमी हमला करने से पीछे नहीं हटेंगे।

3- प्रो पंत ने कहा कि रूस युक्रेन जंग जिस मोड़ पर खड़ा है उससे पुतिन जरूर विचलित होंगे। इस जंग को लेकर पश्चिमी देशों के प्रति उनका जबरदस्‍त गुस्‍सा भी है। ऐसे में यह संभव है कि वह हताश होकर परमाणु हमले का फैसला कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि पुतिन इस बात को समझ रहे हैं कि पश्चिमी देशों और अमेरिका के सैन्‍य सहयोग के कारण यह युद्ध रूस नहीं जीत सका है। प्रो पंत ने कहा कि अगर रूस परमाणु बमों का इस्‍तेमाल करता है तो इसका प्रभाव पश्चिमी देशों तक जाएगा। ऐसे में इसकी आंच नाटो और अमेरिका तक जानी तय है। फ‍िर यह जंग दो देशों के बीच नहीं रहेगी।

पुतिन ने कहा, पश्चिम ने अपनी हदें पार कर दी

पुतिन ने इस दौरान कहा कि पश्चिम ने अपनी हदें पार कर दी है। पश्चिमी देश रूस को कमजोर करने, विभाजित करने और नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि युक्रेन के लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक को मुक्त करा लिया गया है और डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक डीपीआर को भी आंशिक रूप से मुक्त करा लिया गया है। युक्रेन के दो शहरों डोनेत्स्क और लुहांस्क को रूस का हिस्सा बनाने को लेकर योजना जारी है। माना जा रहा है कि इसके लिए 23 सितंबर से मतदान होगा। डोनेत्स्क और लुहांस्क, युक्रेन के जिस डोनबास प्रांत का हिस्सा हैं वह रूस और युक्रेन के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण रहा है।

 देश की रक्षा के लिए उठाया यह कदम

राष्‍ट्रपति पुतिन ने कहा मातृभूमि और इसकी संप्रभुता की रक्षा के लिए, वह आंशिक लामबंदी पर जनरल स्टाफ के फैसले का समर्थन करना जरूरी समझते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम (अमेरका-यूरोप) ने सीमा पार कर ली है। पश्चिम रूस को कमजोर करने, विभाजित करने और नष्ट करने के प्रयास कर रहा है. पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर क्षेत्रीय अखंडता को खतरा पैदा हुआ तो रूस सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करेगा। राष्ट्रपति के इस ऐलान को युद्ध की तैयारियों से देखा जा रहा है। इस ऐलान के बाद रूसी व्यवसायों और नागरिकों को युद्ध के प्रयास में अधिक योगदान देना होगा। पुतिन ने आंशिक सैन्य लामबंदी के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और बुधवार से यह लागू हो रहा है।


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