New PM of UK: क्या भारतीय मूल के सुनक होंगे ब्रिटेन के नए पीएम? कंजर्वेटिव पार्टी के समक्ष क्या है चुनौती
New PM of UK इसके साथ ही एक बार फिर भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए तेजी से चल रहा है। खासकर सट्टेबाजार में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 22 Oct 2022 06:43 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। New PM of UK: ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता का दौर खत्म नहीं हुआ है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के जाने के बाद लिज ट्रस महज 44 दिन ही पीएम पद पर रह सकी। माफी मांगने के बावजूद कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर उनके खिलाफ बगावत के बाद ट्रस यह फैसला लेने के लिए बाध्य हो गईं। इसके साथ ही एक बार फिर भारतीय मूल के ऋषि सुनक का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए तेजी से चल रहा है। खासकर सट्टेबाजार में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
UK के राजनीतिक अस्थिरता पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
1- विदेश मामलों के जानकार अभिषेक सिंह का कहना है कि ब्रिटेन में राजनीति संकट का मुख्य कारण देश की आर्थिक व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में किसी भी प्रधानमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती देश को आर्थिक बदहाली से निकालना है। ब्रिटेन की राजनीतिक चुनौती का सीधा कनेक्शन देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी के पास दो विकल्प है। पहला, पार्टी ट्रस की जगह किसी आर्थिक व्यवस्था के जानकार को पीएम पद की बागडोर सौंप दे या आम चुनाव की भी तैयारी कर सकती है।
2- उन्होंने कहा कि कंजरर्वेटिव पार्टी में यह विधान है कि प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होता है। पिछली बार भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक इसके प्रबल दावेदार थे। हालांकि, अंतिम चरण में उनको अपने प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस से हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए एक बार फिर उनका नाम तेजी से चल रहा है। ऋषि सुनक के नाम के पीछे एक वजह यह भी है कि उनके पास देश की आर्थिक व्यवस्था की अच्छी समझ है। यह उम्मीद की जा रही है कि वह ब्रिटेन को इस आर्थिक बदहाली से उबार सकते हैं। इसलिए उन पर लोगों की नजर है। इसलिए यह कहा जा रहा है कि कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर चुनाव होता है तो पूर्व वित्त मंत्री सुनक का पलड़ा भारी पड़ सकता है।
3- डा अभिषेक का कहना है कि पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद पर बैठाना चाहेगी, जिसे ब्रिटेन के आर्थिक तानेबाने की अच्छी समझ हो। ऐसे में ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री जेरेमी हंट का नाम भी चल रहा है। वर्ष 2019 में वह प्रधानमंत्री पद के प्रबल उम्मीदवार थे। हंट अपने प्रतिद्वंद्वी बोरिस जानसन से हार गए थे। ट्रस के जाने के बाद एक बार फिर उनका नाम चल रहा है। पार्टी के कुछ सांसद उनके पक्ष में हैं। हालांकि, सर्वेक्षण में सुनक का पलड़ा काफी भारी चल रहा है। 55 फीसद टोरी सांसदों ने सुनक के पक्ष में फैसला दिया है। इन सदस्यों का कहना है कि यदि उन्हें दोबारा मतदान का मौका मिलता है तो वह सुनक का समर्थन करेंगे।
सट्टेबाजों की पहली पसंद बने सुनक ट्रस के पद से हटने के बाद ब्रिटेन में सट्टेबाज सुनक के पक्ष में दिख रहे हैं। उनका तर्क है कि यूक्रेन जंग के चलते ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है। सट्टेबाजों को अटूट विश्वास है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकते हैं। डा अभिषेक का कहना है कि ब्रिटेन की सियासत में सट्टेबाजों की एक बड़ी भूमिका रहती है। वह देश की राजनीति के नब्ज को बहुत बारीकी से समझते हैं। कंजर्वेटिव पार्टी का एक बड़ा तबका सुनक के पक्ष में हैं। ऐसे में यह संभावना है कि सुनक को देश की बागडोर मिल जाए। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगा।
ट्रस ने दिया इस्तीफा गौरतलब है कि ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि वह उन उपायों को अमल में नहीं ला सकी, जिसके लिए मुझे चुना गया था। उन्होंने कहा कि मैंने महराजा चार्ल्स को सूचित कर दिया है और पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे रही हूं। उनके इस्तीफा के बाद ब्रिटेन में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हो गया है।
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