चाबहार के बाद पाक पर निर्भर नहीं रहेगा अफगानिस्तान: अब्दुल्ला
पाकिस्तान द्वारा पारगमन की इजाजत नहीं देने पर चाबहार के जरिये भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच आसानी से व्यापार हो सकता है।
वाशिंगटन (प्रेट्र)। अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि ईरान में चाबहार बंदरगाह के शुरू होने के बाद अफगानिस्तान को भारत और अन्य देशों के साथ व्यापार के लिए पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पाकिस्तान द्वारा पारगमन की इजाजत नहीं देने की स्थिति में इस बंदरगाह के जरिये भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच आसानी से व्यापार हो सकता है। पाकिस्तान से होकर गुजरने वाले मार्ग को छोड़कर विकल्प तैयार करने के लिए भारत अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है।
अब्दुल्ला ने कहा कि अफगानिस्तान अभी कराची से होकर सिर्फ एक पारगमन रास्ते पर निर्भर है। लेकिन चाबहार के बाद ऐसा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में अफगानिस्तान के पास मध्य एशिया से होकर व्यापार पारगमन मार्ग भी होगा। इसके जरिये अफगानिस्तान का यूरोप जुड़ पाएगा। इसके लिए उजबेकिस्तान समेत पड़ोसी देशों के साथ एक-दो समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अब्दुल्ला अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआइएस) को संबोधित कर रहे थे।
चाबहार बंदरगाह
ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में फारस की खाड़ी के तट पर यह स्थित है। भारत के पश्चिमी तटों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए पाकिस्तान से होकर जाने की जरूरत नहीं होगी। पिछले साल मई में चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत और ईरान में समझौता हुआ था। इसके तहत पहले चरण में भारत 8.52 करोड़ डॉलर (करीब 556 करोड़ रुपये) खर्च करेगा। इसके अलावा बंदरगाह के दस साल की लीज के लिए 2.29 करोड़ डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) सालाना खर्च करेगा।