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Taliban Government: तालिबान सरकार में उच्‍च पदों पर नहीं रह सकती महिलाएं, हेरात में हुआ विरोध प्रदर्शन

तालिबान का कहना है कि उसकी सरकार में महिलाएं उच्‍च पदों पर नहीं रह सकती हैं। फिलहाल सरकार में शामिल करने को लेकर भी तालिबान ने कोई फैसला अब तक नहीं लिया है। इसको लेकर हेरात में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 03:06 PM (IST)
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हेरात प्रांत में सड़कों पर उतरी महिलाएं, मांगा हक
काबुल (रायटर्स)। अफगानिस्‍तान की नई सरकार में महिलाओं के शामिल होने की बात कहने वाला तालिबान फिलहाल इससे मुकरता दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए है, क्‍योंकि उसने अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। यही वजह है कि अफगान महिलाओं ने तालिबान के इस दोगले रुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तक किया है। तालिबान का कहना है कि वो इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन ये साफ है कि वो उन्‍हें कोई भी बड़ी जिम्‍मेदारी नहीं देंगे। आपको बता दें कि तालिबान ने काबुल पर कब्‍जे के बाद कहा था कि वो महिलाओं की समाज में बड़ी भूमिका चाहते हैं।

एक निजी चैनल से हुई वार्ता के दौरान तालिबान के वरिष्‍ठ नेताओं में शामिल शेर मोहम्‍मद अब्‍बास स्‍तानिकजई ने साफ कहा है कि महिलाएं काम जरूर कर सकती हैं, लेकिन वो सरकार में उच्‍च पदों पर नहीं रह सकती हैं। गौरतलब है कि तालिबान शासन में महिलाओं की स्थिति को लेकर पहने से ही विश्‍व के कई देश चिंता जता चुके हैं। अब स्‍तानिकजई का बयान इस बारे में काफी कुछ स्‍पष्‍ट कर देता है। पिछले माह महिलाओं को लेकर एक बयान तालिबान के प्रवक्‍ता, जबीहुल्‍ला मुजाहिद ने भी दिया था। इसमें कहा गया था कि महिलाएं केवल इस्‍लामिक नियमों के तहत ही काम कर सकती हैं। मुजाहिद का कहना था कि वो इस दायरे में रहते हुए अपना काम जारी रख सकती हैं।

एक और तालिबानी नेता इनामुल्‍ला समंगनी का इस बारे में कहना था कि जिनमें लीडरशीप का जज्‍बा है, वो अफगानिस्‍तान की नई सरकार में अपनी अहम भूमिका निभा सकती हैं। उनका भी कहना था कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाएं काम कर सकती हैं। समंगनी तालिबानी के कल्‍चरल कमीशन का प्रमुख है। तालिबान के महिलाओं के प्रति रवैये के खिलाफ हेरात प्रांत में महिलाओं में सड़कों पर उतरकर मांग की कि उन्‍हें भी पुरुषों के बराबर हक मिलना चाहिए। इन महिलाओं का कहना था कि तालिबान उनसे घबराए नहीं, वो उनके साथ हैं। इन महिलाओं के हाथों में बैनर, पोस्‍टर और तख्तियां थीं। इन महिलाओं का ये भी कहना था कि बिना महिलाओं की भागीदारी के कोई भी सरकार बनी नहीं रह सकती हैं।

टोलो न्‍यूज के मुताबिक, अफगानिस्‍तान की पूर्व सरकार में अधिकारी रही नूरिया नजहत ने कहा कि तालिबान इस बारे में खुलकर कोई फैसला नहीं ले रहा है कि महिलाएं काम करेंगी या नहीं। नजहत मीडिया हाउस की प्रमुख रह चुकी हैं। उन्‍होंने बताया कि तालिबान के अंदर इसको लेकर आमराय नहीं बन रही है कि महिलाएं समाज, सरकार में किस तरह की भूमिका में हों। यही हाल शिक्षा के क्षेत्र में हैं। अफगानिस्‍तान के पूर्व राजदूत शु्क्रिया करजई का कहना है कि तालिबान को महिलाओं को भी सरकार में शामिल करना चाहिए।