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ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टान 'ग्रेट बैरियर रीफ' की स्थिति हुई खराब

जलवायु परिवर्तन का असर ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टानें ग्रेट बैरियर रीफ काफी बुरा पढ़ रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Updated: Sun, 01 Sep 2019 07:34 AM (IST)
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ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टान 'ग्रेट बैरियर रीफ' की स्थिति हुई खराब
सिडनी, एएफपी। ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टानें ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ खराब से अब बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई हैं। इनके प्रबंधन की जिम्मेदार आधिकारिक ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी (जीपीआरएमपीए) ने एक रिपोर्ट में समुद्र के बढ़ते तापमान को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। एजेंसी के अनुसार, यदि जल्द से जल्द इसे बचाने के उपाय नहीं हुए तो भविष्य में क्वींसलैंड के कोरल सागर स्थित 2,300 किलोमीटर लंबी मूंगा की इन चट्टानों को संरक्षित रख पाना मुश्किल हो जाएगा। ग्रेट बैरियर रीफ यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र का शैक्षणिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक संगठन) की वैश्विक धरोहरों की सूची में शामिल है।

जलवायु परिवर्तन से हो रही है स्थिति खराब
जीपीआरएमपीए की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से समुद्र का लगातार बढ़ता तापमान ग्रेट बैरियर रीफ के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसे बचाने के लिए वैश्विक के साथ ही क्षेत्रिय स्तर पर मजबूत और असरकारक कदम उठाए जाने की सख्त जरूरत है।एजेंसी ने यह भी कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया की मुख्य पहचान है और इसकी स्थित में सुधार लाना जरूरी है। 

स्थिति से निपटने के लिए करना होगा ये काम
ग्रेट बैरियर रीफ की खराब हुई स्थिति कोक सही करने के लिए जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के साथ ही ग्रेट बैरियर रीफ के क्षेत्र में प्रदूषकों के बहाव पर रोक लगाना जरूरी है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के कदम उठाने के बजाय कोयले की खदानों और निर्यात उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार हमेशा ही पर्यावरणविदों के निशाने पर रही है।

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में नहीं हुई कमी
हाल में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते चार साल की तरह इस साल के पहले छह माह में भी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ग्रीन हाउस गैसों और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने पर जोर देती रही है। पर्यावरण मंत्री सुजैन ले ने कहा, ‘रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन को ग्रेट बैरियर रीफ के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है और इससे निपटने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। 

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